कोरोना वायरस से जूझ रही इस दुनिया में भले ही कई देशों में वैक्सीनेशन का प्रोग्राम शुरू कर दिया हो। लेकिन इबोला वायरस की खोज करने वाले साइंटिस्ट ने जो चेतावनी जारी की है, उस पर गौर करना बेहद जरूरी हो जाता है। दरअसल, वैज्ञानिक जीन-जैक्सय मुयेम्बे तामफूम ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि Disease X नाम की एक बीमारी दुनिया के कई भाग में मौजूद है। इससे पीड़ित लोग कांगों में पाए गए हैं।
इबोला खोजने वाले डॉक्टर ने क्यों चेताया?
प्रोफ़ेसर ने इस महामारी का नाम Disease X रखा है। उन्होंने बताया कि ये बेहद घातक है। जानकारी दे दें कि साल 1976 में प्रोफ़ेसर जीन ने ही इबोला वायरस को खोजा। जीन ने कहा है कि एक ऐसी दुनिया में हैं आज हम जहां नए वायरस बाहर आएंगे जो कि मानवता के लिए खतरा बन जाएंगे। जीन ने कहा कि मेरा मानना है कि फ्यूचर में महामारी कोरोना वायरस से अधिर घातक हो सकती है और ज्यादा तबाही मचाने वाली होगी। डॉक्टरों को डर है कि Disease X’ नया वायरस कोरोना के जैसे ही जल्दी फैल सकता है और इससे मरने वालों की तादात इबोला से भी 50 से 90 फीसदी अधिक है।
WHO ने इस पर क्या कहा?
WHO ने फ़िलहाल इस Disease-X के बारे में क्या कहा है इसे समझते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वैज्ञानिकों ने कहा है कि Disease X महामारी परिकल्पना है लेकिन इसे लेकर जैसे दावे किए जा रहे हैं अगर ये वैसी ही कोई बीमारी हुई तो इसे दुनियाभर में फैलने से रोकना काफी मुश्किल होगा।
क्या अब ये बनेगी अगली विनाशकारी महामारी?
देखने वाली बात है कि लगातार रेबीज, यलो फीवर, कई तरह के इंफ्लुएंजा और अलग तरह की बीमारियां पशुओं से इंसानों में बीते सालों में आ चुकी हैं। जिसमें ज्यादातर चूहे या कीड़ों के कारण आई हैं। इनसे दुनिया में प्लेग जैसी महामारी आ चुकी है। ऐसा माना जाता है कि चीन के वुहान शहर से जो कोरोना वायरस निकला वो चमगादड़ से आया। भले इस पर अब तक किसी भी तरह की पुष्टि की मुहर न लगाई गई हो। आज कोरोना वायरस लाखों की जान ले चुका है।
ब्रिटेन के एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर की मानें तो हर तीन से चार साल के अल्टर्नेट पर एक नया वायरस दुनिया में कदम रख रहा है। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्क वूलहाउस के अनुसार अधिकतर वायरस पशुओं से आ रहे हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि वुहान जैसे वेट मार्केट में रखे गए लाइव एनिमल्स काफी बड़ा खतरा हैं और ‘Disease X’ महामारी इनमें से किसी के अंदर मौजूद हो रह सकती है। वैज्ञानिकों ने इस तरह के लाइव एनिमल्स मार्केट को पहले भी इंसानों में फैलने वाली बीमारी जैसे कि फ्लू और सार्स के लिए जिम्मेदार बताया था।