दुनियाभर में मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। वहीं अब देश में केरल के बाद राजधानी में भी मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी है। दिल्ली में पहला मरीज मिला है।
मंकीपॉक्स वैश्विक स्तरों पर पैर पसार रहा है, जिसमें एक महीने पहले तक कुल 47 देश इसकी चपेट में आ चुके थे। इन देशों में 3040 मंकीपॉक्स के केस मिले थे। मंकीपॉक्स का सबसे ज्यादा असर 5 देशों में देखने को मिल रहा है। इनमें स्पेन, जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस शामिल है।
अब तक 5 देशों में सबसे ज्यादा फैला मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स के अब तक सबसे ज्यादा केस स्पेन में देखने को मिले है। यहां कुल 3125 लोग इसकी चपेट में आ चुके है। दूसरे नंबर पर अमेरिका है, जहां 2890 लोग संक्रमित हुए। तीसरे नंबर पर जर्मनी है, जहां कुल 2268 लोग मंकीपॉक्स का शिकार हुए। चौथे नंबर पर ब्रिटेन है, जहां अब तक 2208 लोग इस बीमारी से ग्रस्त है। जबकि पांचवे नंबर पर फ्रांस है, जहां कुल 1567 लोगों पर मंकीपॉक्स ने अपना कहर बरपाया है।
74 देशों में मंकीपॉक्स का कहर
अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर सिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की वेबसाइट के मुताबिक, अब monkeypox का कहर 74 देशों में बरप रहा है। मंकीपॉ्कस की चपेट में अब तक 16,836 लोग आ चुके है, जबकि इसकी चपेट में आने से अब तक पांच लोगों की जान भी जा चुकी है।
दिल्ली में मिला पहला मंकीपॉक्स का मरीज
भारत में फिलहाल 3 केस केरल से और एक केस राजधानी दिल्ली से सामने आया है। देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को केरल में आया था। उसके बाद 18 जुलाई को दूसरा मामला और 22 जुलाई को तीसरा मामला सामने आया। वहीं आज यानी 24 जुलाई को राजधानी से पहला और देश का चौथा मामला सामने आया है।
कोरोना की तरह नहीं फैलता मंकीपॉक्स
बता दें कि इंडिया मेडिकल टास्क फोर्स से जुड़े केरल के एक डॉक्टर राजीव जयदेवन के मुताबिक, कोरोना की तरह मंकीपॉक्स तेजी से फैलने वाली बीमारी नहीं है। मंकीपॉक्स किसी जानवर के पसीने, खून या घाव के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इंसान के इंसान से फैलाने वाले केस अभी तक बेहद कम ही आए है। हालांकि संक्रमित इंसान के संपर्क में आने से मंकीपॉक्स का संक्रमण फैल सकता है। हालांकि मंकीपॉक्स के फैलते प्रकोप को देखते हुए अमेरिका में जल्द ही लोगों को वैक्सीन की डोज मिल सकती है।