जानिए किडनी ट्रांसप्लांट की पूरी जानकारी
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की किडनी ने काम करना बंद कर दिया है. जिसके बाद वो किडनी के इलाज के लिए सिंगापुर में गए हैं जहां पर उनका किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant) की पूरी प्रक्रिया की जाएगी. वहीं इस बीच इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि किडनी ट्रांसप्लांट आखिर होता क्या है और इसे लेकर भारत में क्या कानून है?
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किडनी ट्रांसप्लांट क्या होता है?
हर इंसान के शरीर में दो किडनी होती हैं और कहा जाता है कि इन्सान एक किडनी के सहारे भी जिंदा रह सकता है. वहीं अगर इंसान की दोनों किडनियां काम करना बंद कर दें तो उसे किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है. इसमें पुरानी किडनी को निकालकर दूसरी किडनी लगा दी जाती है और इसे ही किडनी ट्रांसप्लांट कहते हैं.
किसकी किडनी होतो है ट्रांसप्लांट?
हर इंसान किडनी डोनेट कर सकता है लेकिन किडनी उसी इंसान की ली जाती है जिसकी किडनी स्वस्थ हो और ठीक से काम कर रही हो. इसके लिए डोनेट करने से पहले उस व्यक्ति की पूरी जांच की जाती है इस जाँच में सबसे अहम ब्लड ग्रुप का मैच होना भी है. इसी के साथ इस बात का ध्यान रखना होता है जो शख्स किडनी दे रहा है. वो अपनी एक किडनी के सहारे कितने समय तक जी सकता है. बता दें, इंसान के शरीर में किडनी हमारे शरीर में खून का साफ करने का काम करती है. यह शरीर के अपशिष्ट को यूरिन के रास्ते बाहर निकाल देती है.
भारत में किडनी ट्रांसप्लांट का कानून
भारत में किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर एक कानून बनाया गया है. मानव अंग और प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 (HUDA) के तहत अगर कोई व्यक्ति किडनी ट्रांसप्लान करा सकता है. एचयूडीए 1994 के तहत देश में अंग को खरीदा या बेचा नहीं जा सकता. इसके दायरे में देश के सभी अस्पताल आते हैं. यदि कोई व्यक्ति या अस्पताल इस एक्ट का पालन नहीं करता तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. अगर कोई व्यक्ति ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया है तो उसके परिजनों के बाद ही उसका अंगदान किया जा सकता है. वहीं कानून के मुताबिक किसी मरीज को उसके खून के रिश्तेदार अंग दान कर सकते हैं, जिसमें माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी और पत्नी शामिल हैं.
क्या है किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया?
अगर कोई इंसान अपनी किडनी डोनेट करने की इच्छा रखता है है तो तो पहले उसे कानूनन प्रक्रिया पूरी करनी होती है. खून के रिश्ते को ही किडनी डोनेट की जा सकती है.
कितना होगा खर्चा
सरकारी अस्पतालों में ट्रांसप्लांट का कोई खर्चा नहीं आता है लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट में काम आने वाली दवाई का खर्चा 2-3 लाख आता है. वहीं निजी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट में डॉक्टर की फीस, ऑपरेशन का खर्च और दवाईयों का मिलाकर 30 लाख से खर्चा आता है.