एक कपल के घर में जब कोई बच्चा (new baby born) पैदा होता है तो उसके आने की खुशी सबसे ज्यादा उसके परिवारवालों को होती है लेकिन घर में अगर जुड़वा बच्चे (twins) पैदा हो जाए तो उसके आने की खुशी दोगुनी हो जाती है. जब किसी घर में जुड़वाँ बच्चे पैदा होते हैं तब वो एक ही रंग- रूप और एक ही जेंडर के होते हैं लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता है जिसको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल पैदा हो जाते हैं. वहीं इस बीच इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि इसके पीछे क्या साइंस है.
कैसे पैदा होते हैं बच्चे
एक रिपोर्ट के अनुसार, पीरियड्स (periods) के 10 दिन बाद से 18 दिन तक महिलाएं एक अंडा पैदा करती हैं. इसे Ovum कहा जाता है. इस समय में जब एक कपल फिजिकल रिलेशन (physical relationship) बनाते हैं तब पुरुष के वीर्य (Semen) में उपस्थित शुक्राणुओं (Sperms) में अंडे में प्रवेश कर जाता है. इस एक महीला प्रेग्नेंट (Pregnant) हो जाती है और 6 से 9 महीने के बाद एक महिला बच्चे को जन्म देती है.
इस तरह एक ही रंग-रूप और जेंडर के होते हैं जुड़वाँ बच्चे
पहली स्थिति में प्रेग्नेंट होने के दौरान अगर Ovum यानि की अंडा दो हिस्सों में बंट जाता है. तब गर्भाशय (Uterus) में दो अलग-अलग बच्चे विकसित होते हैं. इस प्रकार पैदा हुए बच्चो एक ही रंग-रूप और एक ही जेंडर के होते हैं वहीं दूसरी स्थिति में पुरुष के सीमन से यानि की दो स्पर्म महिला के अलग-अलग अंडों में प्रवेश कर जाते हैं. इससे गर्भ में दो बच्चों का विकास होता रहता है और तय समय के बाद दो बच्चों का जन्म होता है. इस प्रकार से पैदा हुए बच्चे एक-जैसे होते हैं और इन दोनों बच्चों का जेंडर एक जैसा होता है.
इस वजह से अलग रंग-रूप और जेंडर के होते हैं जुड़वाँ बच्चे
वहीं दूसरी स्थिति में पुरुष के सीमन से दो स्पर्म महिला के अलग-अलग अंडों में प्रवेश कर जाते हैं. इस प्रकार से पैदा हुए बच्चे एक दूसरे से अलग होते हैं. वहीं कई मामलों में इन दोनों बच्चों का जेंडर अलग होता है पर कई मामलों में इनका जेंडर अलग एक जैसा भी हो सकता है.
इस वजह से भी होते हैं जुड़वाँ बच्चे
डॉक्टरों से मिली जानकरी के अनुसार, महिला की उम्र, परिवार में जुड़वा बच्चे होने की हिस्ट्री और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट भी जुड़वाँ बच्चे होने का कारण हो सकता है. वहीं अगर आप आईवीएफ जैसी कोई फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से प्रेगनेंट हुई हैं, तो आपके ट्विंस होने के चांसेस ज्यादा होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि अक्सर ट्रीटमेंट के दौरान प्रेग्नेंसी के सफल होने की संभावना को बढ़ाने के लिए डॉक्टर महिला के गर्भ में दो फर्टिलाइज गर्भाशय में डाल देते हैं और दो बच्चे होने के चांस होते हैं.
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