एक ओर जहां कोरोना महामारी का खतरा देश पर से टला नहीं। इस बीच दूसरी बीमारियां नई सिरदर्दी बनकर सामने आ रही हैं। देश के कई राज्यों में डेंगू बुखार के कई मामले सामने आने के बाद से परेशानी बढ़ गई। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में डेंगू बुखार की वजह से हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। रोजाना कई मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। इस बीच ये जानकारी भी मिल रही है कि बुखार की वजह से जो ज्यादातर मौतें हो रही हैं, उसमें से ज्यादातर का कारण डेंगू का D-2 स्ट्रेन है।
ICMR ने D2 स्ट्रेन को लेकर दी चेतावनी
डेंगू के D-2 स्ट्रेन को काफी खतरनाक माना जा रहा है। यहां तक Indian Council of Medical Research (ICMR) ने इसको लेकर चेतावनी बी जारी की है। ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि यूपी के फिरोजाबाद जिले में अधिकतर मौतें डेंगू बुखार के D2 स्ट्रेन के कारण हुई। डॉ. भार्गव ने बताया कि फिरोजाबाद ही नहीं मथुरा और यहां तक की आगरा में भी मौतें डेंगू की वजह से ही हुईं। जिलों से ICMR ने जो सैंपल लिए, उनमें D2 स्ट्रेन पाया गया और ये जो ब्लीडिंग का भी कारण बन सकता है और ये घातक साबित हो सकता है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये स्ट्रेन इतना घातक है कि ब्रेन हैमरेज तक भी करा सकता है।
जानिए डेंगू के D2 स्ट्रेन के बारे में
डेंगू की बीमारी को चार स्ट्रेन में बांटा गया, जिसमें D1, D2,D3 और D4 शामिल है। ICMR ने D2 स्ट्रेन को सबसे खतरनाक बताया है और अभी हो रही अधिकांश मौतों का कारण भी। D2 वेरिएंट को लेकर खतरा तब और भी ज्यादा बढ़ जाता है, जब इंटरनल ब्लीडिंग होने लगती हैं और दूसरी ओर प्लेटलेट्स की काउंट कम होने लगती है। इसके चलते कमजोरी की वजह से शख्स के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं और ये मौत का कारण भी बन सकते हैं।
लक्षण और बचाव का तरीका भी जान लें…
बात अगर इसके लक्षणों के करें तो डेंगू के D1 और D4 स्ट्रेन में तेज बुखार, प्लेटलेट काउंट कम और शरीर में दर्द होता है। वहीं D2 में तेज बुखार के साथ इंटरनल ब्लीडिंग होने पर शरीर पर चकत्ते पड़ सकते हैं। इसके अलावा D-3 में डेंगू हैमरेजिक फीवर में ब्लीडिंग होने लगती है। साथ ही प्लेटलेट काउंट भी कम हो जाता है। गुर्दा समेत शरीर के दूसरे अंग इससे प्रभावित होते हैं और मौत भी हो जाती है।
डेंगू से बचने के लिए सबसे पहले स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें। घर या फिर कार्य स्थल पर पानी बिल्कुल भी जमा ना होने दें। इसके अलावा मच्छरों से भी सावधान रहें। डेंगू का काफी हद तक इलाज संभव है। इसलिए जरा सी भी लापरवाही ना बरतें और तेज बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।