कोरोना काल में मास्क तो हमारे डेली रूटीन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है. बाहर जाते वक्त, किसी से बात करते वक्त, काम करते वक्त हर समय एक मास्क ही हमारा प्रोटेक्टिव शील्ड है जो हमें इस महामारी से बचा सकता है. सरकार ने कोरोना से अल्ट्रा सेफ्टी के लिए हर महीने अपना मास्क बदलने की सलाह दी है. साथ ही इसको डिस्पोज करने की गाइडलाइन्स केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) ने भी जारी की हैं.
लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग ऐसे ही अपना मास्क कूड़ेदान में फेंक दे रहे हैं. पर क्या आपको इस बात का जरा भी अंदाजा है कि आपके इन फेंके गए मास्क का कितना खतरनाक उपयोग हो रहा है ? नहीं न, आइये हम बताते हैं.
डिस्पोजेबल मास्क की असल सच्चाई
काफी लोग सोशल मीडिया पर मास्क को सही तरीके से लोगों से डिस्पोज करने की अपील करते दिख रहे हैं. इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह सामने आई है. दरअसल आपको ये जानकर एक गहरा धक्का लगेगा कि मास्क को बेचने में एक बड़ी धांधलेबाजी हो रही है. कई लोग इन डिस्पोजेबल मास्क को गरीबों में बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. इन डिस्पोजेबल मास्क को धांधलेबाज किफायती या कम दामों में बेचकर गरीबों को दे देते हैं. और इन सब से अनजान गरीब व्यक्ति मास्क को पहनकर अपने काम पर चले जाते हैं.
लाखों बीमारियों का मंडरा रहा खतरा
इस मास्क को पहनने से गरीबों में कोरोना से बचने के बजाय सबसे ज्यादा इस महामारी की चपेट में आने की आशंका रहती है. सिर्फ कोरोना ही नहीं इसे पहनने से वे अन्य गंभीर बीमारियों से भी ग्रसित हो सकते हैं. साथ ही इससे देश में कोरोना की रफ़्तार दोगुनी स्पीड पकड़ सकती है. इस बात से अनजान मास्क खरीदने वाला व्यक्ति किसी दूसरे व अपने आसपास के लोगों में भी ये संक्रमण फैला सकता है. साथ ही लगातार मास्क लगाये रहने से उस व्यक्ति के शरीर में ये बीमारी और भी गंभीर रूप ले सकती है.
क्या है इससे बचने का उपाय ?
इन सभी से बचने के लिए मास्क को कूड़ेदान में फेंकने से पहले उसे बीच से दो टुकड़ों में काट दें. इसके अलावा मास्क में अगर दो डोरियां लगी हो तो पहले नीचे की डोरी खोलें. ऊपर की डोरी पहले खोलने पर मास्क पलट कर चेहरे या गर्दन पर लग जाएगा, जो खतरनाक हो सकता है.अगर इलास्टिक लगा है तो ध्यान से खींच कर उतारें. ध्यान रहे कि मास्क का रिबन या इलास्टिक पकड़ कर ही मास्क उतारना है. इसके अलावा मास्क को कहीं भी डिस्पोज न कर दें. इसे पहले तीन दिन पेपर बैग में रखें और फिर इसे काटकर सूखे कचरे में डाल सकते हैं.