Guillain Barre Syndrome: महाराष्ट्र के पुणे में गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। इस गंभीर बीमारी ने लोगों में डर और चिंताएं बढ़ा दी हैं। हाल ही में, जीबीएस के चलते एक मरीज की मौत की खबर सामने आई है। इसके साथ ही शहर में कुल 101 मामले दर्ज किए गए हैं।
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक मेडिकल अधिकारी ने पुष्टि की है कि मौत का कारण संदिग्ध रूप से जीबीएस हो सकता है। हालांकि, इस बारे में अधिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित- Guillain Barre Syndrome
जीबीएस के मरीजों में अधिकतर संख्या बच्चों और बुजुर्गों की है। पुणे में इस समय 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जिनमें 19 बच्चे (9 साल से कम उम्र के) और 50 से 83 साल की उम्र के 23 बुजुर्ग शामिल हैं।
पुणे में पहला मामला कब सामने आया?
पुणे में जीबीएस का पहला मामला 9 जनवरी को दर्ज किया गया था। गंभीर रूप से बीमार एक मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी जांच में जीबीएस की पुष्टि हुई। मरीजों से लिए गए जैविक नमूनों में कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया पाया गया, जो दुनिया भर में जीबीएस के मामलों का प्रमुख कारण माना जाता है।
गुइलेन बैरे सिंड्रोम क्या है?
गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की इम्यूनिटी गलती से अपनी ही नसों पर हमला कर देती है। इसके लक्षणों में:
- मांसपेशियों में कमजोरी
- झुनझुनी और दर्द
- सांस लेने में दिक्कत
- चेहरे की मांसपेशियों में सुन्नता
- हार्टबीट में अनियमितता
इलाज: शुरुआती पहचान और इलाज से मरीज 2-3 हफ्तों में ठीक हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में मरीज को लंबे समय तक कमजोरी का सामना करना पड़ता है।
संदिग्ध मौत का मामला
सोलापुर में एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती 40 वर्षीय मरीज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मरीज को शुरुआत में सर्दी, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण थे। हालत बिगड़ने पर उसे आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां लकवे के बाद उसकी मृत्यु हो गई।
जीबीएस के प्रमुख लक्षण
- पैरों और हाथों में कमजोरी: यह जीबीएस का सबसे सामान्य लक्षण है।
- झुनझुनी और दर्द: हाथ-पैरों में जलन या झुनझुनी महसूस हो सकती है।
- सांस लेने में दिक्कत: गंभीर मामलों में रेस्पिरेटरी सिस्टम प्रभावित हो सकता है।
- चेहरे की मांसपेशियों में दिक्कत: चेहरे और आंखों की मूवमेंट में परेशानी हो सकती है।
- हार्ट बीट में बदलाव: दिल की धड़कनें असामान्य हो सकती हैं।
जीबीएस से जुड़े आंकड़े और प्रभाव
पुणे में जीबीएस के 101 मामलों में से बच्चों और बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक है। यह बीमारी तेजी से फैल रही है, जिससे मेडिकल अधिकारियों और प्रशासन में चिंता बढ़ रही है।
विशेषज्ञों की सलाह
डॉक्टरों का कहना है कि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें। यदि किसी व्यक्ति को मांसपेशियों में कमजोरी, झुनझुनी, सांस लेने में दिक्कत, या चलने-फिरने में परेशानी हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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