Food Safety: भारत में फूड सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। गाजियाबाद में पिछले साल अप्रैल से दिसंबर तक किए गए फूड क्वालिटी टेस्ट के नतीजों ने चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए। इन आंकड़ों के अनुसार, कुल 677 सैंपल में से 50% यानी 328 सैंपल गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरे।
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क्या कहते हैं आंकड़े? (Food Safety)
गाजियाबाद के असिस्टेंट कमिश्नर (खाद्य) अरविंद यादव ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया कि फूड क्वालिटी टेस्ट में फेल हुए 328 सैंपल में से 209 को सब-स्टैंडर्ड और 109 को खपत के लिए असुरक्षित घोषित किया गया। खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों के खिलाफ 3.2 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई गई है।
डेयरी उत्पाद सबसे अधिक असुरक्षित
फूड सेफ्टी और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) के आंकड़ों के अनुसार, डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता सबसे खराब पाई गई।
- दूध: 48 सैंपल में से 16 (33%) फेल हुए।
- पनीर: 48 सैंपल में से 38 (79%) खराब पाए गए।
- खोया: 27 सैंपल में से 16 फेल हुए।
डेयरी उत्पादों की खराब गुणवत्ता के चलते कुल 44.7 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई गई।
मिठाइयों की स्थिति भी चिंताजनक
त्योहारी सीजन के दौरान बिकने वाली मिठाइयों की गुणवत्ता भी खराब पाई गई। दुग्ध उत्पाद से बनी मिठाइयों के 48 में से 35 सैंपल खराब पाए गए। इन सैंपल्स पर 12.4 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई गई। यह सैंपल होलसेल मार्केट, फूड फैक्ट्रियों, ढाबों और छोटे दुकानों से एकत्र किए गए थे।
मसालों और प्रोसेस्ड उत्पादों में भी खामियां
खाने में इस्तेमाल होने वाले मसालों और प्रोसेस्ड फलों-सब्जियों में भी खामियां पाई गईं। मसालों में नॉन-फूड ग्रेड रंग और पाउडर का उपयोग पाया गया। प्रोसेस्ड फलों और सब्जियों के सैंपल भी गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरे।
क्यों हो रही हैं ये समस्याएं?
अधिकारियों के अनुसार, फूड सप्लाई चेन में गुणवत्ता जांच की कमी बड़ी समस्या है। फूड फैक्ट्री, छोटे विक्रेताओं और होलसेल मार्केट में मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है।
उपभोक्ताओं के लिए अपील
अधिकारियों ने उपभोक्ताओं से सतर्क रहने और संदिग्ध खाद्य पदार्थों की रिपोर्ट करने की अपील की है। इस दिशा में जांच बढ़ाने और फूड क्वालिटी को सुधारने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।
गाजियाबाद में हुए फूड क्वालिटी टेस्ट के नतीजे यह दर्शाते हैं कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर ध्यान देना न केवल आवश्यक है, बल्कि यह उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी भी है। डेयरी उत्पाद, मिठाई और मसालों की खराब गुणवत्ता चिंता का विषय है। उपभोक्ताओं को सतर्क रहना चाहिए और गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि स्वस्थ और सुरक्षित खानपान सुनिश्चित हो सके।
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