कोरोना के इस दौर में अगर आप भी एसी का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है। केंद्र सरकार कोरोना से बचाव के लिए नई-नई गाइडलाइंस जारी कर रही है। गुरुवार को केंद्र ने एक गाइडलाइन जारी कर एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स से कोरोना फैलने की बात कही। इन गाइडलाइन के अनुसार नाक-मुंह से निकने वाले ड्रॉपलेट और एयरोसोल से वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैल रहा है। यही वजह है कि बंद जगहों में संक्रमण तेजी से फैलता है।
इस गाइडलाइन में वेंटिलेशन और खुली जगहों को महत्व दिया गया। जिसमें अस्पतालों और हेल्थ सेंटर्स को इस बात का ध्यान रखने को कहा कि वैक्सीनेशन का काम अच्छी वेंटिलेटेड जगह पर ही किया जाए। गाइडलाइन में कहा गया कि वायरस खराब वेंटिलेटेड और भीड़भाड़ वाली जगहों पर देर तक बैठने से फैल सकता है, ऐसा इस वजह से क्योंकि एयरोसोल हवा में देर तक रहते हैं और लंबी दूरी भी तय कर सकते हैं। गाइडलाइन के मुताबिक एयरोसोल हवा में 10 मीटर तक दूर जा सकते हैं। तो ऐसे में घर और ऑफिस का वेंटिलेशन कैसा हो, ये एक बड़ा सवाल बन जाता है। आइए आज हम आपको इससे जुड़ी कुछ जानकारी दे देते हैं…
घरों का वेंटिलेशन
सबसे पहले बात कर लेते हैं घरों के वेंटिलेशन की। घरों के अंदर पंखे की सही दिशा होना बेहद जरूरी है। पंखे को इस तरह लगाने से बचें, जिससे दूषित हवा सीधे तौर पर किसी पर जाए। घरों में क्रॉस वेंटिलेशन होना जरूरी है, यानि बाहर की हवा अंदर आती रहे। इसके अलावा एग्जॉस्ट फैन भी बड़ी भूमिका निभाता है। अगर आपने घरों की खिड़कियां-दरवाजें बंद कर रखें है, तो एग्जॉस्ट फैन चलाकर रखें। वहीं गांवों के कच्चे मकान में जहां क्रॉस वेंटिलेशन की सुविधा उपलब्ध ना हो, वहां पर एग्जॉस्ट फैन के साथ जाली लगवाने की सलाह दी गई है।
वहीं AC-कूलर को बंद कमरे में जो लोग चला रहे हैं, उनको सरकार ने चेताया है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि लोग खिड़कियों-दरवाजों को बंद कर एसी या कूलर का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा करने से संक्रमित हवा कमरे में ही रह जाती है, बाहर नहीं निकलती। इससे दूसरों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा छोटी जगहों पर एसी का इस्तेमाल करने पर संक्रमण का खतरा बढ़ने की बात कही गई है। दरअसल, किसी के कोरोना संक्रमित होने के बाद उसके मुंह-नाक से निकले ड्रॉपलेट्स एसी की हवा में मिल जाते है और आसानी से वहां मौजूद दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए एडवाइजरी में कोरोना से बचने के लिए घरों की खिड़कियां खुली रखने की सलाह दी गई।
ऑफिस में भी रखे इस बात का ध्यान
वहीं बात अब ऑफिस में भी इस बात का ही ध्यान रखना जरूरी है। अगर दफ्तरों में एसी-कूलर का इस्तेमाल हो रहा है, तो वहां पर भी दरवाजे-खिड़कियों को थोड़ा खुला रखना चाहिए।
सेंट्रलाइज्ड AC और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में वेंटिलेशन
सेंट्रल एसी वाली जगहों पर कोरोना संक्रमण फैलने का काफी खतरा रहता है। ऑफिस, ऑडिटोरियम, शॉपिंग मॉल की नियमित रूप से फिल्टर किया जाना चाहिए। एयर फिल्टर लगाने के साथ एग्जॉस्ट का इस्तेमा करना चाहिए।
कोरोना से बचाव के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट में हवाओं का क्रॉस फ्लो होना जरूरी है। बसों और ट्रेनों की खिड़कियां खुली होनी चाहिए। वहीं AC वाले बस या ट्रेन में हवा प्रवाह बेहतर करने के लिए एग्जॉस्ट सिस्टम होना चाहिए।