कोरोना महामारी का खतरा अब तक पूरी तरह से टला नहीं। इस बीच एक के बाद एक सामने आ रही बीमारियों ने और टेंशन बढ़ाई हुई हैं। कई लोग कोरोना को मात देकर ठीक तो हो रहे हैं, लेकिन इसके बाद उन्हें पोस्ट कोविड समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना से ठीक हुए मरीजों को दूसरी बीमारियां और संक्रमण घेर रहे हैं।
CMV इंफेक्शन के 5 केस मिले
ब्लैक फंगस के केस तो पहले ही सामने आ रहे थे। अब इसके बाद एक नई सिरदर्दी बनकर आया है, साइटोमेगालो वायरस (CMV)। कोरोना के बाद मरीजों में CMV का इंफेक्शन भी देखने को मिल रहा है। इस इंफेक्शन की वजह से मरीजों के स्टूल के रास्ते ब्लीडिंग की समस्या हो रही है।
CMV के 5 मरीज सामने आए हैं, जो दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे। इनमें से एक की मौत हो चुकी है, जबकि एक की सर्जरी हुई और 3 का इलाज एंटीवायरल थेरेपी से हो रहा है। देश में पहली बार पोस्ट कोविड मरीजों में ये संक्रमण देखने को मिला।
इन लोगों को खतरा ज्यादा
इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर इस संक्रमण का खतरा रहता है। गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर सुनील अरोड़ा के दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों में CMV के मामले अचानक से सामने आए। बीते 45 दिनों में देखने को मिली। कोरोना के इलाज के 20-30 दिन बाद मरीजों के पेट में दर्द और मल में खून बहने की समस्या हो रही है, जिसके चलते वो अस्पताल पहुंच रहे।
उन्होंने कहा कि इस इंफेक्शन के होने की असल वजह क्या है, इसके बारे में पता नहीं चल पाया। फंगस की ही तरह इसमें भी कारण स्टेरॉयड युक्त दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल ही बन सकता है, क्योंकि इन दवाईयों से इम्यूनिटी कम हो जाती है। उनको असामान्य संक्रमणों के प्रति काफी संवेदनशील बना देती हैं।
डॉक्टर ने आगे ये भी बताया कि CMV वायरस वैसे तो 80 से 90 फीसदी भारतीय आबादी में मौजूद रहता ही है और कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। क्योंकि हमारी इम्यूनिटी मजबूत होती है।
पांच में से एक मरीज की मौत
गंगाराम अस्पताल में CMV के जो 5 मरीज सामने आए, उनकी उम्र 30 से 70 साल के बीच की है। जिसमें से 4 मरीजों को मल में खून आने की समस्या थी, जबकि एक को आंतों में रुकावट का सामना करना पड़ रहा था। डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादा खूब बहने की वजह इनमें से 2 की हालत काफी खराब थीं। एक पेशेंट को दाहिने तरफ कोलन की इमरजेंसी सर्जरी की जरूरत थीं। जबकि दूसरे मरीज की मौत हो गई। वहीं तीन मरीजों का इलाज एंटीवायरल थेरेपी से किया जा रहा है।