कोरोना काल के बीच ब्लैक फंगस ने चिंता बढ़ाकर रख दी है। देश में ब्लैक फंगस के मामलें तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसकी वजह से यूपी, बिहार समेत कई राज्यों में इसे महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना से बचने के लिए जहां मास्क पहनना बहुत ज्यादा जरूरी बताया जा रहा है, बल्कि ब्लैक फंगस होने का एक बड़ा कारण मास्क माना जा रहा है।
मास्क में नमी हो सकता है कारण
जी हां, एक ही मास्क को दो-तीन हफ्तों तक यूज करना ब्लैक फंसग का एक कारण माना जा रहा है। इसको लेकर वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एस एस लाल ने एक मीडिया एजेंसी से बात की। उनके मुताबिक ब्लैक फंगस नाम की ये बीमारी लंबी अवधि तक किए जाने वाले मास्क से भी हो सकती है। दरअसल, अगर किसी मास्क को लंबे वक्त तक यूज किया जाता है, तो उसमें जमा होने वाली गंदगी के कण से आंखों में होने वाले फंगस इंफेक्शन की संभावना होती है। इसके अलावा मास्क में नमी होने पर भी इस तरह का इन्फेक्शन का खतरा रहता है।
डॉक्टर लाल ने बताया कि ICU में एडमिट मरीज को कोरोना के इलाज के लिए दिए जाने वाली ऑक्सीजन से भी फंगस इंफेक्शन हो सकता है। वहीं कोविड मरीज को स्टेरॉयड की हाई डोज दी जाती है, जिसकी वजह से शुगर लेवल बढ़ने से ऐसे इंफेक्शन की संभावनाएं बढ़ जाती है।
नाक से ऐसे फैलना शुरू करता है ये फंगस
उनके मुताबिक इसकी शुरूआत नाक से होती है। नाक में से लाल या फिर ब्राउन रंग का म्यूकस निकलता है। इसको ही ब्लैक फंगस का शुरुआती लक्षण माना जाता है, जो धीरे-धीरे आंखों तक पहुंचने लगता है। इसकी वजह से आंखों का लाल होना, आंखों से डिस्चार्ज होना, कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण जैसी समस्याएं होती है। फिर इसकी वजह से आंखों में तेज दर्द होता है और रोशनी तक जाने का खतरा बना रहता है। ये फंगस आंखों के रेटिना पर भी अपना असर डालता है और आगे ब्रेन,नर्वस सिस्टम और ह्रदय तक पहुंच जाने से किसी शख्स की मौत तक हो सकती है।
जानिए बचाव के तरीके…
ब्लैक फंगस से बचने के लिए मास्क को बदलने रहने की सलाह एक्सपर्ट्स देते नजर आ रहे हैं। जो लोग कोरोना से ठीक हुए हो वो अपने पास कई मास्क रखें। मास्क का इस्तेमाल करन के बाद उसे डेटॉल में धोकर धूप में सुखाकर और फिर उसे प्रेस करके ही पहनें। इस बात का भी ध्यान रखें कि मास्क को दूसरे कपड़ों के साथ ना धोया जाए।