अब Nipah Virus ने बढ़ाई टेंशन: केरल में बच्चे की गई जान, इसकी वैक्सीन भी नहीं…जान लें लक्षण और बचाव!

अब Nipah Virus ने बढ़ाई टेंशन: केरल में बच्चे की गई जान, इसकी वैक्सीन भी नहीं…जान लें लक्षण और बचाव!

कोरोना महामारी को देश में दस्तक दिए डेढ़ साल से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है। तब से ही इस वायरस ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है। देश ने कोरोना की दो भयंकर लहरों का सामना किया। वहीं इस बीच थर्ड वेव का खतरा भी लगातार देश पर बना हुआ है। 

एक ओर जहां देश के अधिकतर राज्यों में इस वक्त कोरोना से हालात कंट्रोल में है। इस बीच केरल की वजह से टेंशन लगातार बनी हुई है। केरल में कोरोना संक्रमण काबू में आने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच केरल में एक और परेशानी सामने आकर खड़ी हो गई है। इस परेशानी का नाम है निपाह वायरस। 

निपाह से 12 साल के बच्ची की मौत

केरल में निपाह वायरस की वजह से 12 साल के एक बच्चे की मौत हो गई। जिसके बाद इस वायरस ने भी चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि ये कोरोना से कई ज्यादा घातक है। इस वायरस की वजह से डेथ रेट भी काफी अधिक है। ऐसे में निपाह वायरस से जुड़ी तमाम जानकारियां पता होना जरूरी हो जाता है। तो आइए आपको बताते है कि निपाह वायरस के बारे में कुछ जरूरी बातें बता देते हैं…

जानिए इस वायरस के बारे में…

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक सबसे पहले इस वायरस के बारे में पता मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह गांव में चला था। फिर सिंगापुर में वायरस के केस मिले थे और इसके बाद साल 2001 में भारत में निपाह वायरस पाया गया। 2004 में इस वायरस के मामले बांग्लादेश में मिले थे। 

ऐसे फैलता है ये वायरस

निपाह वायरस संक्रमित चमगादड़ों और सूअर के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित इंसान से संपर्क में आने से इसका प्रसार होता है। सबसे पहले मलेशिया में जब इस वायरस के मामले सामने आए, तो उसकी वजह सूअर था। वहीं सिंगापुर में इसके फैलने की वजह चमगादड़ मानी गईं। भारत-बांग्‍लादेश में भी इसकी यही वजह रही। अगर संक्रमित चमगादड़ किसी फल को भी खाता है, तो वारयस उस फल के जरिए इंसानों तक पहुंच सकता है।

यहां चिंता की एक बात ये भी है कि निपाह वायरस का अब तक कोई भी इलाज मौजूद नहीं। वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन बनाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन अब तक कामयाबी हासिल नहीं कर पाए। 

जानिए लक्षण और बचाव

बात अब अगर इस वायरस के लक्षण की करें तो किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के साथ ही इंसानी शरीर में कई लक्षण दिखने लगते है। सही वक्त पर इलाज मिलने से वायरस से बचा जा सकता है। निपाह वायरस के लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी, बेहोशी, बेचैनी, शरीर के अलग-अलग अंगों में और छाती में जलन शामिल है। 

फलों को खरीदते खाते वक्त सावधानी बरतें। चमगादड़ों और सुअरो के संपर्क में आने से बचें। संक्रमित व्‍यक्ति के संपर्क में बिल्कुल भी ना आएं। मुंह पर मास्‍क लगाकर  रखें और हाथों को साबुन या सेनेटाइजर से साफ करते रहें। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

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