Who is Saifullah Kasuri: जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 28 लोगों की जान चली गई, जिनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। यह हमला मुख्य रूप से लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर सैफुल्लाह खालिद द्वारा किया गया माना जा रहा है, हालांकि सुरक्षा बलों ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इस घटना के बाद से हमलावरों की तलाश लगातार जारी है, और इस मामले में नए खुलासे भी हो रहे हैं।
आतंकी हमले का विवरण- Who is Saifullah Kasuri
मंगलवार को पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले का शिकार 28 लोग बने, जिनमें से दो विदेशी पर्यटक थे। हमलावरों ने सटीक योजना के तहत यह हमला किया था, और वे पहले ही इलाके का जायजा ले चुके थे। मारे गए 26 लोगों में सभी पुरुष थे, और ये पर्यटक विभिन्न राज्यों से थे, जिनमें अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और हरियाणा के लोग शामिल थे। हमले में जान गंवाने वालों में विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी थे, जो पहलगाम में घूमने आए थे।
लश्कर-ए-तैयबा और सैफुल्लाह खालिद
इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) ने ली है, जो कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार एक संगठन है। सूत्रों के मुताबिक, इस हमले के मास्टरमाइंड के रूप में सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद का नाम सामने आ रहा है। सैफुल्लाह खालिद को पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ माना जाता है और उसे हाफिज सईद का करीबी सहयोगी माना जाता है। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि खालिद का पाकिस्तान के कंगनपुर इलाके में एक बटालियन से संबंध रहा है, जहां पाकिस्तानी सेना की तैनाती है।
यह बात सामने आई है कि हमले से दो महीने पहले सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान के कंगनपुर गया था, जो कि भारतीय सीमा के पास एक सैन्य क्षेत्र है। कश्मीर में यह पहला मौका नहीं है, जब खालिद को पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के साथ देखा गया है। इसके अलावा, पाकिस्तान के कुछ ऑपरेटिव्स की भी तलाश जारी है, जो इस हमले में शामिल हो सकते हैं।
अबू मूसा का बयान और जिहाद की धमकी
इस हमले के संदर्भ में अबू मूसा का नाम भी सामने आ रहा है, जो एक और आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है। हाल ही में 18 अप्रैल को रावलकोट में हुई एक रैली में मूसा ने भारत के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले बयान दिए थे। उसने कहा था, “जिहाद जारी रहेगा। बंदूकें बोलेंगी और कश्मीर में सिर कलम होना जारी रहेगा। भारत गैर स्थानीय लोगों को निवासी प्रमाण पत्र देकर कश्मीर की जनसांख्यिकी बदलना चाहता है।” मूसा का यह बयान कश्मीर में हिंसा और संघर्ष को बढ़ावा देने का एक प्रयास प्रतीत होता है, और इसकी भूमिका इस हमले में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
हमले की योजना और इसके परिणाम
अधिकारियों के अनुसार, यह हमला पहले से तय था और हमलावरों ने इलाके का पूरी तरह से जायजा लिया था। ऐसे में यह हमला न सिर्फ तात्कालिक आतंकवादी गतिविधि का हिस्सा था, बल्कि इसके पीछे एक लंबी योजना भी दिखती है। इस हमले ने पूरे कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और अधिकारियों ने इसे एक सुसंगत और सटीक रणनीति के तहत अंजाम दिया गया हमला बताया है।
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