आपको ये तो पता होगा कि बीते कई महीनों से पड़ोसी देश चीन के साथ भारत का तनाव चल रहा है। बीते साल ये तनाव चरम पर था। दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार टकराव की स्थिति भी बनी और एक बार तो बात हिंसक झड़प तक पहुंच गई थीं। जिसमें दोनों तरफ काफी नुकसान पहुंचा। हालांकि अब भारत चीन के बीच ये विवाद पहले के मुकाबले कुछ कम होता नजर आ रहा है।
वहीं अब हम एक दूसरी घटना का जिक्र करते है, जिसके बारे में शायद आपको याद होता। पिछले साल 12 अक्टूबर के दिन मुंबई में कुछ घंटों का ब्लैकआउट हुआ था। उस दौरान मायानगरी मुंबई की कुछ जगह अंधेरे में डूब गई थीं। वो मुंबई जिसकी रफ्तार पर कभी भी ब्रेक नहीं लगता, वहां के लोगों की जिंदगी उस दौरान कुछ देर के लिए थम गई थीं। लोकल ट्रेनें की रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया था। अस्पताल पर भी इसका असर हुआ और वो भी ऐसे समय में जब वहां पर कोरोना पीक पर था। इसके अलावा दफ्तरों की बिजली भी चली गई थीं। स्टॉक मार्केट, दफ्तरों समेत कई चीजों का इस पर असर पड़ा। मुंबई में बिजली गुल होने की वजह अचानक टाटा पॉवर की ग्रिड फेल होना बताई गई।
रिपोर्ट में हुआ ये बड़ा खुलासा
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इन दोनों घटनाओं में क्या कनेक्शन है? इन दोनों चीजों में एक ऐसे कनेक्शन के बारे में खुलासा हुआ है, जिसके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे। दरअसल, एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि चीन भारत की बिजली सुविधाओं को निशाना बनाने की फिराक में है। यही नहीं रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि पिछले साल मुंबई पर जो बिजली का संकट आया था, वो भी चीन की इस चाल का हिस्सा हो सकती है।
ये था चीन का पूरा प्लान
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ये घटनाएं चीन के एक साइबर अभियान का हिस्सा हो सकती है। जिसका मकसद भारत में पावर ग्रिड को ठप करना था। यही नहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि चीन ने तो ये भी प्लान बनाया था कि अगर भारत गलवान में दबाव बनाता है, तो वो पूरे देश को अंधेरे में डूबे देंगे। इस स्टडी से खुलासा किया गया कि भारत चीन में जारी गतिरोध के बीच ही चीनी मैलवेयर भारत में बिजली सप्लाई के कंट्रोल सिस्टम में घुस चुके थेस, जिसमें हाई वोल्टेज ट्रांसमिशन सबस्टेशन और थर्मल पावर प्लांट भी शामिल थे।
रिपोर्ट के अनुसार मैलवेयर ट्रेसिंग Recorded Future ने किया, जो एक साइबर स्पेस कंपनी है। कंपनी ने इस दौरान ये पाया कि ज्यादातर मैलवेयर एक्टिव नहीं हुए। ऐसा माना जा रहा है कि इस साइबर अटैक के पीछे चीनी साइबर ग्रुप Red Echo का हाथ है। इसने एडवांस तकनीक का सहारा लेते हुए भारत के एक दर्जन के करीब पावर ग्रिड को कंट्रोल करने की कोशिश की।
रिपोर्ट में कहा गया चीनी हैकर्स की फौज ने अक्टूबर के महज 5 दिनों में भारत के पॉवर ग्रिड, IT कंपनियों और बैकिंग सेक्टर्स पर 40,500 बार साइबर अटैक किया। स्टडी में कहा गया कि चीन ने भारत के पावर ग्रिड के खिलाफ एक व्यापक साइबर अभियान चलाना। इसके जरिए वो ये दिखाना चाहता था कि अगर भारत ने सीमा पर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की तो वो मैलवेयर अटैक कर देश के अलग अलग पावर ग्रिड को बंद कर देगा।
आपको बता दें कि बीते साले नवंबर में इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में भी ये कहा गया था कि महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट ने ये आशंका जताई है कि पावर आउटेज के पीछे पावर आउटेज हो सकता है।