US Airforce crisis: अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी वायुसेना होने के बावजूद एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है। हाल के वर्षों में चीन समेत अन्य देशों के मुकाबले अपनी सैन्य शक्ति को बरकरार रखने के लिए अमेरिका ने अपने वायुसेना बेड़े को लगातार अपग्रेड किया है, लेकिन अब एक नई समस्या सामने आई है।
मिशन के लिए तैयार फाइटर जेट्स की संख्या घटी- US Airforce crisis
अमेरिकी गवर्नमेंट अकाउंटिबिलिटी ऑफिस (GAO) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी वायुसेना की औसत मिशन सक्षमता दर 2024 में घटकर 67.15% रह गई है, जो 2023 में 69.92% और 2022 में 71.24% थी। यह गिरावट दर्शाती है कि अमेरिका के पास अत्याधुनिक फाइटर जेट्स तो हैं, लेकिन उनमें से कई किसी न किसी तकनीकी समस्या के चलते ग्राउंडेड हैं।
क्यों आई यह गिरावट?
फाइटर जेट्स को तभी मिशन के लिए सक्षम माना जाता है, जब वे अपने निर्धारित कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकें। उदाहरण के लिए, F-35A स्टील्थ फाइटर जेट को हवाई श्रेष्ठता, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, जमीनी हमले और खुफिया जानकारी जुटाने जैसी भूमिकाओं में सक्षम होना चाहिए। GAO रिपोर्ट के अनुसार, F-22 रैप्टर की सक्षमता दर 52% से घटकर 40.19% तक आ गई है, जिसके चलते इसका उत्पादन 2028 तक रोक दिया गया है। F-35A की क्षमता दर 51.5% तक पहुंची है, लेकिन यह अब भी अपेक्षाओं से काफी नीचे है।
वायुसेना के पुराने और नए फाइटर जेट्स की स्थिति
- F-15C लड़ाकू विमान के बेड़े की स्थिति में सुधार हुआ और इसकी क्षमता दर 63.7% तक पहुंच गई।
- F-15EX जो अभी सर्विस में नया है, उसने 83.13% की प्रभावशाली सक्षमता दर हासिल की।
- B-1B बॉम्बर ने मामूली सुधार दर्ज किया, लेकिन B-2 और B-52 की स्थिति और बिगड़ गई।
- F-22 रैप्टर की क्षमता में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई, जो गंभीर चिंता का विषय है।
डिफेंस बजट और अपग्रेडेशन प्लान
अमेरिका ने 2025 वित्तीय वर्ष के लिए 7.5 ट्रिलियन डॉलर के रक्षा बजट का अनुरोध किया, जिसमें 199.1 अरब डॉलर वायुसेना को आवंटित किए गए। यह बजट 2024 के मुकाबले 1.7% अधिक है।
वायुसेना के लिए बजट में शामिल महत्वपूर्ण मदें:
- 75.6 अरब डॉलर ऑपरेशन और मेंटेनेंस के लिए।
- 37.7 अरब डॉलर रिसर्च, डेवलपमेंट, टेस्ट और इवेल्युएशन (RDT&E) के लिए।
- 29 अरब डॉलर नए फाइटर जेट्स की खरीद के लिए।
नए लड़ाकू विमान और हथियारों पर जोर
अमेरिकी वायुसेना अपने लड़ाकू बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए B-21 रेडर, सेंटिनल ICBM, लॉन्ग-रेंज स्टैंडऑफ (LRSO) हथियार और सर्वाइवेबल एयरबोर्न ऑपरेशन सेंटर (SAOC) को अपग्रेड कर रही है।
वायुसेना ने F-35A स्टील्थ फाइटर जेट, F-15EX, KC-46A टैंकर और T-7A एडवांस ट्रेनर की खरीद में निवेश किया है। इसके अलावा, लंबी दूरी की मिसाइलें और अत्याधुनिक हथियार जैसे JASSM-ER, LRASM और AARGM-ER को भी शामिल किया गया है।
हालांकि, अमेरिकी वायुसेना के पास फाइटर जेट्स की संख्या और तकनीक में बढ़त है, लेकिन ऑपरेशनल डिमांड को पूरा करने की इसकी क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। नए विमानों की डिलीवरी और अपग्रेडेशन योजनाओं के बावजूद, कई महत्वपूर्ण लड़ाकू विमानों की सक्षमता दर में गिरावट चिंता का विषय बनी हुई है। यदि यह समस्या नहीं सुलझाई गई, तो अमेरिका की वैश्विक वायु श्रेष्ठता पर गंभीर असर पड़ सकता है।