अमेरिका में 2020 में हुए राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बवाल अब तक थमा नहीं हैं। जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप को हरा दिया, लेकिन बावजूद इसके डोनाल्ड ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं हो रहे। ट्रंप ने चुनावों में धांधली का आरोप लगाया और अपनी हार स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बुधवार को ट्रंप समर्थक अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में घुस गए और यहां पर जबरदस्त हिंसा की।
वॉशिंगटन में 15 दिन की इमरजेंसी
ट्रंप के समर्थक तब अमेरिकी संसद में घुसे जब जो बाइडेन के आधिकारिक जीत की घोषणा सांसद करने की तैयारी में थे। अचानक ही उन्होनें वहां घुसकर हिंसा शुरू कर दी। ट्रंप समर्थकों ने जबरदस्त तोड़फोड़ की, गोली भी चली। हिंसा की वजह से 4 लोगों की मौत हुई है। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों को सांसदों को सेना के कैंप में लेकर जाना पड़ा। वॉशिंगटन में 15 दिनों की पब्लिक इमरजेंसी लगा दी गई।
कैपिटल हिल के बाहर ट्रंप समर्थकों की पुलिस से भिड़त हुई और कई लोग अंदर घुसने में भी कामयाब हुए। इस दौरान संसद में हलचल मच गई। सांसदों को अपना काम छोड़कर भागना पड़ा। ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग के बाहर जमकर नारेबाजी की। बैरिकेड्स को तोड़ दिया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर माइक पेंस पर चुनाव परिणामों पलटने का दबाव बनाया गया।
सोशल मीडिया से बैन ट्रंप
इस दौरान ट्विटर ने भी एक बड़ा कदम उठाते हुए ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट को बैन कर दिया। फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर ने ट्रंप के भाषण की कुछ वीडियो भी हटा दी। वीडियो में ट्रंप अपने समर्थकों से घर वापस जाने की अपील तो कर रहे थे, लेकिन इसके साथ साथ वो ये भी आरोप लगा रहे थे कि चुनाव में धांधली हुई।
अमेरिकी संसद में ट्रंप समर्थकों के घुसने के बाद उन्होनें वीडियो पोस्ट की। इस पर ट्विटर ने एक बयान जारी किया और कहा कि वॉशिंगटन में जो हिंसा हो रही है, उसके चलते ट्रंप को अपनी तीन ट्वीट को हटाने की जरूरत है, क्योंकि वो हमारी सिविक इंटीग्रिटी पॉलिसी का उल्लंघन करती हैं।
संयुक्त सत्र से पहले ये कहा था ट्रंप ने
संसद का संयुक्त सत्र शुरू होने से पहले भी ट्रंप ने कहा था कि वो अपनी हार स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होनें चुनाव में धांधली का आरोप जो बाइडन पर लगाया। ट्रंप ने अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि जब धांधली हुई तो अपनी हार नहीं माननी चाहिए। भाषण में उन्होनें ये भी दावा किया था कि चुनावों में उन्होनें शानदार जीत हासिल की।
बाइडेन ने बताया राजद्रोह
वहीं चुनाव में चुने गए राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस हिंसा पर कहा कि मैं ट्रंप से अपील करता हूं कि वो अपनी शपथ पूरी करें, संविधान की रक्षा करें और घेराबंदी को खत्म करने की मांग करें। बाइडन बोले की ये जो हिंसा हुई, हमने ऐसे नहीं है। ये केवल कानून ना मानने वाली बहुत छोटी संख्या है। बाइडन ने कैपिटल बिल्डिंग पर हुए हंगामे को राजद्रोह करार दिया।
‘अमेरिकी इतिहास पर धब्बा’
इसके अलावा अमेरिका एक अन्य प्रमुख डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता बर्नी सैंडर्स ने कहा कि ऐसा राष्ट्रपति जिसको 70 लाख वोटों से हारा, वो अब झूठ फैलाकर गृह युद्ध की तैयारी कर रहा। अपनी जिंदगी में मैनें ऐसा पहले कभी नहीं देखा। अमेरिकी इतिहास पर ये एक धब्बा है।
गौरतलब है कि बीते साल नवंबर के महीने में अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव हुए, जिसमें जो बाइडेन को 306 और ट्रंप को 232 वोट मिले। बाइडेन, ट्रंप को हराने में कामयाब हो गए। लेकिन फिर भी ट्रंप अपनी हार को मानने को तैयार नहीं हुए। उन्होनें वोटिंग और काउटिंग के दौरान धांधली के आरोप लगा दिए। कई राज्यों में ट्रंप ने केस दर्ज कराए, लेकिन अधिकतर उनमें से खारिज हुए। सुप्रीम कोर्ट ने भी दो मामलों में ट्रंप की याचिका को खारिज कर दिया।
चुनाव प्रचार के दौरान ही इशारों-इशारों में ट्रंप हिंसा की धमकी दे चुके थे और अब उनकी ये धमकी सही भी साबित हुई। दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश में इस तरह की घटनाएं शर्मसार कर देने वाली है।