Trump on USAID Funding India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएसएआईडी द्वारा भारत को चुनावी सहायता के लिए प्रदान किए जाने वाले फंड पर कड़ा हमला करते हुए दावा किया है कि उन्होंने भारत को ’18 मिलियन डॉलर’ दिए। ट्रंप का आरोप है कि भारत को चुनावों के लिए धन मुहैया कराना न केवल अनावश्यक है, बल्कि यह देश अमेरिका का फायदा उठाता है। उनका कहना है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है, जिसका टैरिफ दर 200 प्रतिशत तक पहुंचा हुआ है।
यूएसएआईडी फंडिंग पर विवाद- Trump on USAID Funding India
ट्रंप ने बार-बार इस मुद्दे पर जोर दिया है कि यूएसएआईडी फंडिंग का इस्तेमाल भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, जबकि उनका दावा है कि यह फंडिंग किसी अन्य राजनीतिक एजेंडे को समर्थन देने के उद्देश्य से दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया, “भारत को चुनावों के लिए पैसा देना? उन्हें पैसे की जरूरत नहीं है। वे हमारा फायदा उठाते हैं।” यह बयान चौथी बार सामने आया है जब उन्होंने इस मुद्दे पर अपना रुख दोहराया है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा दिए गए ऐसे बयानों की गंभीरता से जांच की जा रही है। जयशंकर ने बताया कि यूएसएआईडी को भारत में ‘गुड फेथ’ के तहत काम करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब अमेरिका से ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं कि कुछ गतिविधियाँ बुरी नीयत से की जा रही हैं। उन्होंने जोड़ा, “मुझे लगता है कि ट्रंप प्रशासन के कुछ लोगों ने कुछ जानकारी सार्वजनिक की है, जो निश्चित रूप से चिंताजनक है। जल्द ही तथ्य सामने आएंगे।”
जांच और संभावित कार्रवाई
भारतीय सरकार इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यूएसएआईडी फंडिंग का उपयोग चुनावी प्रक्रियाओं में किसी विशेष उद्देश्य के तहत किया जा रहा है या नहीं। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी गतिविधियों की रिपोर्टिंग और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। यदि विदेशी हस्तक्षेप या किसी प्रकार का दुरुपयोग सिद्ध होता है, तो तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस संदर्भ में संबंधित विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने की भी प्रक्रिया तेज की जा रही है।
आगे की राह
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, संबंधित तथ्यों और सबूतों के प्रकाश में दोनों देशों के बीच मतभेदों को सुलझाने के प्रयास तेज होंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर का आश्वासन है कि यदि विदेशी हस्तक्षेप से जुड़ा कोई ठोस प्रमाण सामने आता है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं, ट्रंप के आरोप और यूएसएआईडी फंडिंग को लेकर जारी बहस आगामी दिनों में और भी चर्चा का विषय बनी रहेगी।