Trump-Putin Friendship: अमेरिका और रूस के बीच रिश्तों की कहानी उतार-चढ़ाव से भरी रही है। डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच संबंधों को लेकर हमेशा से चर्चा होती रही है, जिसे कई बार “ब्रोमांस” तक कहा गया। 2018 में हेलसिंकी में हुई मुलाकात में ट्रंप को पुतिन द्वारा फुटबॉल दिया जाना सिर्फ एक खेल की गेंद नहीं थी, बल्कि एक कूटनीतिक संदेश था।
अमेरिका-रूस संबंध: दोस्ती या प्रतिस्पर्धा? (Trump-Putin Friendship)
2016 में ट्रंप की पहली जीत के बाद अमेरिका में आरोप लगे कि रूस ने चुनाव में हस्तक्षेप किया था। लेकिन ट्रंप ने इस आरोप को खारिज कर दिया और रूस के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की बात कही। 2020 में जो बाइडेन ने जब सत्ता संभाली, तो रूस को अमेरिका के लिए एक पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी बताया और पुतिन को “हत्यारा” तक कह दिया।
अब 2025 में ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद, रूस के साथ उनके रिश्तों को लेकर एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध को जल्द खत्म करना चाहते हैं और रूस के साथ अच्छे संबंध बनाना उनकी प्राथमिकता है।
ट्रंप क्यों चाहते हैं रूस से दोस्ती?
रूस को लेकर ट्रंप का नजरिया पारंपरिक अमेरिकी नीति से अलग है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप के रूस से संबंध बेहतर करने की तीन प्रमुख वजहें हो सकती हैं:
- चीन-रूस गठबंधन को तोड़ना:
- ट्रंप का मानना है कि रूस और चीन का गठबंधन अमेरिका के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
- अगर रूस को पश्चिमी देशों के करीब लाया जाए, तो चीन वैश्विक मंच पर कमजोर होगा।
- अमेरिकी अर्थव्यवस्था और ऊर्जा संकट:
- अमेरिका पर ऊर्जा संकट और आर्थिक मंदी का दबाव बढ़ रहा है।
- रूस पर लगे प्रतिबंध हटने से तेल और गैस के दाम स्थिर हो सकते हैं, जिससे अमेरिकी महंगाई कम होगी।
- यूरोप में अमेरिका का बोझ कम करना:
- ट्रंप का मानना है कि अमेरिका को यूरोप की सुरक्षा में अनावश्यक खर्च नहीं करना चाहिए।
- अगर रूस के साथ संबंध सुधरते हैं, तो यूरोप को अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद उठानी होगी।
रूस की रणनीति: अमेरिका से नजदीकी या फायदा?
रूस भी ट्रंप के रुख को लेकर सतर्क है। पुतिन ने ट्रंप की वापसी पर उन्हें “लंबे समय तक शांति” के लिए बातचीत का प्रस्ताव दिया।
- रूस ने अमेरिका को रूस में निवेश का निमंत्रण दिया और कहा कि अमेरिकी कंपनियां यूक्रेन के उन इलाकों में भी निवेश कर सकती हैं, जहां रूस का कब्जा है।
- यह एक संकेत हो सकता है कि रूस पश्चिमी देशों के साथ व्यापारिक संबंध सुधारना चाहता है।
क्या ट्रंप और पुतिन के रिश्ते अमेरिका-रूस टकराव को खत्म कर सकते हैं?
इतिहास गवाह है कि अमेरिका और रूस के संबंध हमेशा प्रतिस्पर्धा और टकराव से भरे रहे हैं।
- 1940 से 1991 तक शीत युद्ध (Cold War) दोनों देशों के बीच वैचारिक और सैन्य प्रतिस्पर्धा का प्रतीक रहा।
- 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद, अमेरिका और रूस के संबंधों में थोड़ी नरमी आई, लेकिन यह स्थायी नहीं रही।
आज भी, यूक्रेन युद्ध और रूस की वैश्विक भूमिका को लेकर अमेरिका में मतभेद बने हुए हैं।
क्या ट्रंप का रूस प्रेम अमेरिका की नीति बदल सकता है?
आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव मानते हैं कि ट्रंप की रणनीति केवल रूस को चीन से अलग करने तक सीमित नहीं है।
- वे अमेरिका की विदेश नीति को नए सिरे से परिभाषित करना चाहते हैं।
- वे मानते हैं कि पारंपरिक अमेरिकी नीति ने रूस के साथ अनावश्यक तनाव बढ़ाया।
- ट्रंप चाहते हैं कि यूरोप अपनी सुरक्षा खुद संभाले और अमेरिका अपनी आंतरिक आर्थिक चुनौतियों पर ज्यादा ध्यान दे।
रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा का भी मानना है कि ट्रंप रूस से रिश्ते सुधारकर अमेरिकी हितों की रक्षा कर रहे हैं।
क्या शीत युद्ध का अंत संभव है?
ट्रंप और पुतिन के बेहतर संबंधों के बावजूद यह कहना मुश्किल है कि अमेरिका और रूस के बीच दशकों पुरानी प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी। अमेरिकी कांग्रेस, पेंटागन और खुफिया एजेंसियां रूस को दीर्घकालिक खतरा मानती हैं। ट्रंप का कार्यकाल खत्म होने के बाद फिर से अमेरिका की नीति बदल सकती है। ट्रंप केवल इस टकराव को कुछ समय के लिए शांत कर सकते हैं, लेकिन यह कोई स्थायी समाधान नहीं होगा।
ट्रंप-पुतिन दोस्ती से दुनिया को क्या मिलेगा?
अगर ट्रंप और पुतिन के रिश्ते सुधारते हैं तो कुछ सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं:
– यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म हो सकता है।
– रूस पर लगे प्रतिबंध हटने से वैश्विक ऊर्जा बाजार स्थिर हो सकता है।
– अमेरिका-रूस टकराव कम होने से यूरोप में स्थिरता आ सकती है।
लेकिन, अमेरिका की पारंपरिक विदेश नीति और रूस के वैश्विक रणनीतिक इरादे इस दोस्ती को ज्यादा दूर तक नहीं जाने देंगे।