Trump Iftar Party: रमजान के पवित्र महीने के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपनी पहली इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। हालांकि, यह इफ्तार पार्टी विवादों में घिर गई है, खासकर अमेरिकी मुस्लिम समुदाय और सांसदों के बीच असंतोष को लेकर। व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी की दो दशक पुरानी परंपरा को बनाए रखते हुए, राष्ट्रपति ट्रंप ने मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान का उत्सव मनाया। इस दौरान, ट्रंप ने कहा, “मैं आप सभी का व्हाइट हाउस के इफ्तार डिनर में स्वागत करता हूं। हम इस्लाम के पवित्र महीने रमजान का जश्न मना रहे हैं। यह बहुत बेहतरीन महीना है। दुनियाभर के मुस्लिमों को रमजान मुबारक।”
न्यूयॉर्क से वाशिंगटन तक विरोध- Trump Iftar Party
ट्रंप के इस इफ्तार डिनर ने अमेरिकी मुस्लिम सांसदों और समुदाय से जुड़े नेताओं को नाराज कर दिया। दरअसल, इस बार व्हाइट हाउस में आयोजित इफ्तार पार्टी में अमेरिकी मुस्लिम सांसदों को निमंत्रण नहीं भेजा गया था। इसके बजाय, मुस्लिम देशों के विदेशी राजदूतों को इस पार्टी में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया था। इसका विरोध करते हुए कई मुस्लिम सिविल राइट्स ग्रुप ने व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन किया। इस विरोध का नाम “Not Trump’s Iftar” रखा गया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह ट्रंप का पाखंड है, क्योंकि वह एक ओर देश में मुस्लिमों के प्रवेश पर बैन लगा रहे हैं, तो दूसरी ओर मुस्लिम देशों के राजनयिकों को इफ्तार डिनर में आमंत्रित कर रहे हैं।
Pres. Trump hosted his second annual iftar dinner on Monday night at the White House. The dinner, which breaks the daily fast of Ramadan for Muslims around the world, was attended by various Muslim diplomatic leaders. https://t.co/xXdycS4QiV pic.twitter.com/ZT3vZiAP2C
— ABC News (@ABC) May 14, 2019
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने अपने इफ्तार डिनर के दौरान कहा कि रमजान एक ऐसा महीना है जब मुस्लिम पूरी दुनिया में रोजा रखते हैं, खुदा की इबादत करते हैं और रात को परिवारों के साथ मिलकर इफ्तार करते हैं। उन्होंने कहा, “हम सभी पूरी दुनिया में शांति चाहते हैं।” ट्रंप ने मुस्लिम अमेरिकी समुदाय का आभार भी जताया और 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में उनकी भूमिका की सराहना की।
व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी की परंपरा
व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी की परंपरा 1996 में तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई थी। इस परंपरा को बाद में जॉर्ज बुश और बराक ओबामा ने भी जारी रखा। इन पार्टीयों में अमेरिकी मुस्लिम समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्य, मुस्लिम देशों के राजनयिक, और सीनेटर भी भाग लेते रहे हैं। हालांकि, इस बार ट्रंप ने इस परंपरा को जारी रखा, लेकिन मुस्लिम सांसदों को इस पार्टी का हिस्सा बनने का मौका नहीं दिया, जिससे विवाद और बढ़ गया।
पहली इफ्तार पार्टी के बाद का विवाद
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने इफ्तार पार्टी के आयोजन को लेकर आलोचना का सामना किया है। 2017 में, ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया था। इस फैसले को लेकर भी विवाद हुआ था, और मुस्लिम समुदाय ने इसे नकारात्मक रूप से लिया था। इसके बावजूद, ट्रंप ने इस साल पार्टी का आयोजन किया, लेकिन मुस्लिम नेताओं की अनदेखी से मामला और जटिल हो गया।