ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई। रविवार को उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में ईरान के विदेश मंत्री होसैनी अमीर अब्दुल्लाहियन की भी मौत हो गई। इस दुर्घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोग इस घटना को साजिश भी बता रहे हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, इससे पहले ईरान के लोगों के लिए हीरो माने जाने वाले जनरल कासिम सुलेमानी से लेकर मोहम्मद रजा जहेदी तक, ऐसे कई प्रमुख ईरानी नेता हैं जिनकी मौत को लेकर कई सवाल उठ चुके हैं।
मोहम्मद रजा जाहेदी की मौत
इस साल 2 अप्रैल को इजरायल ने सीरिया में ईरानी दूतावास के पास एक बड़ा हवाई हमला किया था। जिसमें इजरायली सेना ने सीरिया और लेबनान में IRGC फोर्स के एक वरिष्ठ कमांडर मोहम्मद रजा जहेदी को मार गिराया था। हालांकि, इजरायल ने इस हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की। इजरायली सेना ने ईरानी दूतावास के काउंसलर सेक्शन पर एक स्टील्थ F-35 फाइटर जेट से छह मिसाइलें दागीं, जिसमें जहेदी की मौत हो गई। हमले के बाद, चार इजरायली अधिकारियों ने द न्यूयॉर्क टाइम्स से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की थी कि उस हमले के पीछे इजरायल का हाथ था।
कासिम सुलेमानी की मौत
कासिम सुलेमानी ईरान के दूसरे सबसे ताकतवर व्यक्ति थे। कुद्स फोर्स नाम की सैन्य इकाई की जिम्मेदारी कासिम सुलेमानी पर थी। कुद्स फोर्स ईरान के विदेश में हितों के मद्देनजर सैन्य अभियान चलाती है। सुलेमानी 1998 से 2020 तक इसके प्रमुख थे। अफगानिस्तान पर अमेरिका के हमले के दौरान ईरान और तालिबान के बीच सुलह कराने में सुलेमानी की अहम भूमिका थी। 3 जनवरी 2020 में इराक के बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी मारा गया था। कासिम सुलेमानी बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई हमले में मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी अमेरिका ने ली थी। दरअसल, अमेरिका सुलेमानी को आतंकी मानने लगा था और फिर 2020 में ड्रोन हमले में सुलेमानी की मौत हो गई।
इब्राहिम रईसी की मौत को लेकर हो रही साजिश की चर्चा
ईरान के अमेरिका और इजरायल से अच्छे संबंध नहीं हैं। अमेरिका ने 2019 में इब्राहिम रईसी पर प्रतिबंध लगाए थे। पिछले महीने ईरान ने इजरायल पर हमला किया था। उन्होंने कई मिसाइलें दागीं, लेकिन इजरायल ने समय रहते ईरान की मिसाइलों को नष्ट कर दिया। इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश के पीछे साजिश की बू आ रही है, क्योंकि इजरायल ने कहा था कि वह ईरानी हमले का बदला जरूर लेगा। हालांकि, अभी तक किसी दुश्मन देश और आतंकी संगठन ने राष्ट्रपति को निशाना बनाने की जिम्मेदारी नहीं ली है।
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