पकिस्तान पहुंचे केरल से मक्का के लिए पैदल यात्रा पर निकले शिहाब चित्तूर
शिहब वैसे केरला से सम्बन्ध रखने वाले भारत के आम आम नागरिक हैं लेकिन अपने धर्म/ आस्था को लेकर शिहब के अन्दर जो जुनून दिखा आज पूरा देश उनके इस जज्बे को सलाम ठोंक रहा है. इन्होने साल 2023 में सऊदी अरब के मक्का में हज करने का फैसला लिया है. ऐसे में शिहाब केरल से मक्का पहुचने वाले एकमात्र व्यक्ति होंगे.
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जानिए कौन है शिहाब चित्तूर?
आज दुनियाभर में कहीं भी आने जाने के लिए क्या कुछ नहीं बना गाड़ी, ट्रेन,एरोप्लेन हर एक चीज़ है लेकिन इन सभी सभी सुविधाओं से परे आस्था और जुनून नाम की एक चीज होती है जिसे शिहाब चित्तूर ने साबित कर दिखाया है. केरल के एक छोटे से गाँव चोट्टुर में रहने वाले 29 वर्षीय शिहाब ने पैदल मक्का जाने की तैयारी कर ली है. रिपोर्ट्स की माने तो, शिहाब केवल अपना जरूरी सामान ही अपने साथ लेकर जा रहे हैं और रास्ते में मस्जिदों में खाना खाएंगे और आराम करेंगे. शिहाब ने एक इंटरव्यू में बताया की कि वह हर दिन कम से कम 25 किमी चलने की योजना बना रहे हैं. उनके घर से मक्का की कुल दूरी 8640 किलोमीटर की है उनके अंदाज़े के आधार पर मक्का तक पहुंचने में लगभग 280 दिन लगेंगे. उनका इरादा इस बार होने वाली हज यात्राओं के समय से पहले मक्का पहुंचने का है.
उनके पास पहले से ही पांच देशों का वीजा है, और सऊदी अरब पहुंचने के बाद 2023 में हज के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं. जानकारी के लिए बता दें की शिहब ने ये पैदल यात्रा जुलाई 2022 में शुरू की थी और तब से पैदल चल रहें है.
पकिस्तान जाने में आई थी रुकावट
जुलाई 2022 से अपनी यात्रा करने वाले शिहब भारत के राज्यों में करीब तीन हज़ार किलोमीटर यात्रा करने के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच बाघा बॉर्डर पर पहुंचे. लेकिन ये सफ़र इतना आसान नहीं था जितना शायद इन शब्दों में बयां किया जा रहा है.बाघा बॉर्डर पर पहुंचने के बाद शिहाब को पकिस्तान का वीजा लेने में काफी प्रॉब्लम हुई क्योंकि पकिस्तान ने शिहाब को VISA देने से मना कर दिया था लेकिन तमाम बड़े अधिकारियों और जनता के प्यार की वजह से पाकिस्तान को वीजा देना ही पड़ा.
72 घंटे का मिला था समय
पाकिस्तान ने शिहाब को VISA तो दे दिया लेकिन साथ ही एक शर्त रखी की वो मात्र 72 घंटे यानि की 3 दिन तक ही पकिस्तान में यात्रा कर सकते हैं और इस तरह से शिहाब ने पाकिस्तान में एंट्री ली.
बॉर्डर क्रॉस करते हुए भावुक
VISA मिलने बाद जब शिहाब बॉर्डर पार कर रहे थे तो वो काफी भावुक हो गए थे इसका वीडियो भी पोस्ट किया था चूंकि शिहाब को वीजा 4 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद मिला है और दूसरी बात ये भी थी की वो अपने देश भारत को छोड़ रहे थे तो उनका भावुक होना लाज़मी था. शिहाब को पकिस्तान सरकार ने बाकायदा सिक्योरिटी दी जहाँ शिहब ने दो दिन यात्रा की पहले दिन 12 किलोमीटर और दूसरे दिन 16 किलोमीटर और उसके बाद फ्लाइट से इरान के लिए रवाना हो गए .
अभी इस देश में कर रहे हैं यात्रा
बहुत लोगों को अभी यही पता है की शिहाब अभी पकिस्तान में ही यात्रा कर रहे हैं लेकिन शिहाब को पकिस्तान में केवल 72 घंटे का टाइम मिला हुआ था. ऐसे में शिहाब के परिवार वालों ने बताया की पकिस्तान में दो दिन यात्रा करने के बाद शिहाब फ्लाइट से इरान के लिए रवाना हो गए थे और अभी फिलहाल इरान में ही हैं जहाँ वो हर दिन करीब 16 से 17 किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं.
कितना बाकी है सफ़र, कितना बचा है वक़्त?
शिहाब ने हज यात्रा के लिए जो टाइम कैलकुलेट किया था वो तो सही है लेकिन शिहाब ने पिछले 8 महीने में 3000 किलोमीटर की यात्रा की है और ईरान की यात्रा को जोड़ लें तो अभी फिलहाल उनको करीब करीब 5500 किलोमीटर का सफ़र तय करना है मक्का पहुँचने के लिए. जिसमे बाघा बॉर्डर पहुँचने के बाद शिहाब को 4 महीने तो सिर्फ पकिस्तान का visa लेने में लग गए. साल 2023 में शिहाब के पास केवल 5 महीने बचे हुए हैं जिसमे से एक महीना तो रमजान का है इस एक महीने उनकी यात्रा पर काफी असर पड़ेगा क्योंकि बिना खाए पिए एक महीने में सेहत और स्टैमिना पर काफी असर पड़ेगा. वहीं अभी इनके पास है 4 महीने हैं जिसमे इनको कुल 5500km का सफ़र पूरा करना है अगर रमजान में वो चलते हैं तो कुल 150 दिन बचे है यानि अगर जोड़-घटा करें तो इस 5 महीने में उनके हर दिन बिना रुके 37 किलोमीटर का सफ़र तय करना है. टेक्निकली इस को लेकर हम कुछ नहीं कह सकते की वो कैसे सफ़र को पूरा करेंगे लेकिन कहते हैं की अगर इरादे पाक हों तो अल्लाह/ भगवान भी उस इंसान की मदद करता है .
उनके आगे के सफ़र के लिए हम उनको शुभकामनाएं देते है और उनके द्वारा शुरू की गई इस पहल की भी सराहना करते हैं.