मॉस्को में शुक्रवार की शाम को एक कॉन्सर्ट हॉल में एक भयानक और घातक हमला हुआ, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई। स्वचालित राइफलों से लैस, सेना की वर्दी में घुसे पांच हमलावरों ने कॉन्सर्ट हॉल में आए लोगों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस दर्दनाक घटना में कम से कम 60 लोग मारे गए और 145 से अधिक घायल हो गए। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। हमले से जुड़ा वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि, अमेरिका ने पहले ही रूस को ऐसी ही घटना के बारे में चेतावनी दी थी।
अमेरिका ने दी थी चेतावनी
सूत्रों की मानें तो, 15 दिन पहले ही अमेरिका ने रूस को चेतावनी दी थी कि 48 घंटे के अंदर मॉस्को पर बड़ा हमला होने वाला है। अमेरिका ने कहा है कि कुछ चरमपंथी संगठन मॉस्को पर हमले की साजिश रच रहे हैं। अमेरिकी खुफिया जानकारी के मुताबिक, मॉस्को में आबादी वाले इलाकों और बड़े समारोहों में हमले हो सकते हैं। उस समय, अमेरिका ने रूस में अपने लोगों को सावधानी बरतने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने की चेतावनी दी थी। हालांकि, उस वक्त कोई भी हमला नहीं हुआ, लेकिन चेतावनी देने के 15 दिन बाद मॉस्को में ये दर्दनाक हमला हो गया।
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रूस ने जताई नाराजगी
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने एक बयान में कहा, ‘यदि संयुक्त राज्य अमेरिका के पास इस संबंध में कोई विश्वसनीय जानकारी थी या है, तो इसे तुरंत रूसी पक्ष को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। और अगर ऐसी कोई जानकारी नहीं है, तो व्हाइट हाउस को किसी को क्लीन चिट देने का कोई अधिकार नहीं है। रूस यह पता लगाएगा कि इस हमले के पीछे कौन हैं।’
हमले पर अमेरिका का बयान
अब इस हमले को लेकर अमेरिका पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन अमेरिका ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया है। जब व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी से अमेरिकी दूतावास के अलर्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। यह एक हिंसक गोलीबारी की घटना है इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। हमारे दूतावास ने मॉस्को में सभी अमेरिकियों को किसी भी बड़े समारोह, संगीत कार्यक्रम और शॉपिंग मॉल से बचने और जहां हैं वहीं रहने के लिए नोटिस जारी किया था।’
ISIS ने ली हमले की ज़िम्मेदारी
अमेरिकी खुफिया जानकारी के अनुसार, इस्लामिक स्टेट, विशेष रूप से इसकी अफगान शाखा जिसे आईएसआईएस-के के नाम से जाना जाता है, ने टेलीग्राम की अमाक एजेंसी के माध्यम से रूस में हुई हिंसा की जिम्मेदारी ली है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला आईएसआईएस-के के अभियानों में उल्लेखनीय वृद्धि का प्रतीक है, जो रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति फ़ेल रही नफरत को रेखांकित करता है। आईएसआईएस-के द्वारा रूस को निशाना बनाने का एक कारण मध्य पूर्व, विशेषकर सीरिया में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य हस्तक्षेप से जुड़ा हो सकता है।