एक समय ऐसा था जब अफगानिस्तान के लोग खुली हवा में सांस लेते थे। वो अपनी मर्जी से जीते थे। जो चाहे वो कर सकते थे। लेकिन इसके बाद अफगानिस्तान में आ गया था तालिबान राज। तब तालिबान ने अपने शासनकाल के दौरान अफगान के लोगों का जीना मुश्किल कर दिया। खासतौर पर महिलाओं पर जिस तरह की पाबंदिया 90 के दशक में तालिबान ने लगाई थी, उसने पूरी दुनिया को चिंता में डाला।
अब उसी तालिबान का राज एक बार फिर से अफगानिस्तान में लौट आया है। जिसके बाद वहां के लोगों की समस्याएं भी बढ़ गई है। यही वजह है कि इस वक्त लोग किसी भी तरह से अफगानिस्तान से अपनी जान बचाकर भागने की कोशिश में लगे हैं।
तालिबान का क्रूर चेहरा फिर आ रहा सामने
हालांकि इस बार तालिबान अपनी अलग छवि दुनिया को दिखाने की कोशिश कर रहा है। वो ये दिखाने चाह रहा है कि वो बदल गया है। लेकिन जो खबरें सामने आ रही हैं, उससे तो ऐसा नहीं लगता। वहां से एक के बाद एक दिल दहला देने वाली खबरें सामने आ रही हैं। तालिबान अफगानिस्तान में लोगों को खूब प्रताड़ित कर रहा है।
तालिबान राज में अब अफगान के लोगों को जींस पहनना और महिलाओं को नेल पॉलिश लगाने तक की इजाजत नहीं है। अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है, तो उसे इतनी सख्त सजा देने का फरमान दिया है, जिसके बारे में पता लगने पर आप भी तालिबान के इस बदले रूप की सच्चाई क्या है वो जान जाएंगे।
जींस पहनने पर की जा रही मारपीट
दरअसल, ‘द सन’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक अफगानी बच्चे ने बताया कि कैसे जींस पहनने पर उसे और उसके दोस्तों को तालिबान आतंकियों ने बेरहमी से पीटा। लड़के ने मुताबिक कि वो अपने कुछ दोस्तों के सात काबुल में कहीं जा रहा था। उसी दौरान तालिबान के कुछ लड़ाके वहां आए और उनको रोक लिया। आतंकियों ने जींस को इस्लाम का अनादर बताते हुए उनकी जमकर पिटाई की और फिर बंदूक दिखाकर धमकाया कि वो ऐसी गलती दोबारा ना करें।
इसके अलावा एक अफगानी न्यूजपेपर ने भी तालिबान के क्रूरता भरे चेहरे को उजागर किया। अखबार के एक पत्रकार की भी पारंपरिक अफगानी पोशाक नहीं पहनने की वजह से तालिबानी आतंकियों ने पिटाई की थीं।
नेल पॉलिश लगाने पर उंगली काटने की सजा!
यही नहीं तालिबान की तरफ से महिलाओं और लड़कियों को नेल पॉलिश नहीं लगाने का भी फरमान दिया गया है। कंधार में तालिबान ने एक फतवा जारी किया, जिसमें कहा कि नेल पॉलिश लगाना प्रतिबंधित है। अगर कोई भी ऐसा करता पाया गया, तो उसकी उंगलियां काट दी जाएगी। इसके अलावा महिलाओं को हील वाली सैंडल पहनने पर भी तालिबान ने रोक लगा दी। ऐसा इसलिए जिससे उनके कदमों की आहट कोई अजनबी ना सुन सके।
इसके अलावा तमाम मीडिया रिपोर्ट्स ये दावा कर रही हैं कि जिस तरह तालिबान ने दो दशक पहले अफगानिस्तान की महिलाओं को जुल्म बरपाया था, ठीक वैसे ही अब भी किया जा रहा है। रिपोर्ट्स बता रही हैं कि तालिबान के लड़ाके सड़कों पर घूम घूमकर लोगों को डरा धमका रहे हैं। इसके अलावा लड़कियों को अगवा कर दूसरे मुल्कों में बेचा जा रहा है। साथ ही कुछ लड़कियों की जबरदस्ती आतंकियों से शादी कराई जा रही है। यही वजह है कि तमाम महिलाएं अफगानिस्तान छोड़कर भागना चाहती हैं, जिससे वो तालिबान के इस आतंक से बच सकें।