अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से पूरी दुनिया में बवाल मचा हुआ है। रुस, चीन और पाकिस्तान समेत कुछ देशों ने अफगानिस्तान में तालिबान को समर्थन दे दिया है। तो वहीं, अमेरिका, ब्रिटेन समेत यूरोपीय संघ के कई देशों ने स्पष्ट किया है कि वह तालिबानी सरकार को मान्यता नहीं देगा। भारत ने अभी तक इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भारत सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह अफगानिस्तान में तालिबान को मान्यता देगी या नहीं…इसी बीच आज ब्रिटेन में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर जी-7 देशों की बैठक होने वाली है। आज यह पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा कि दुनिया के बेहतर अर्थव्यवस्था वाले मजबूत देश अफगानिस्तान में तालिबान को लेकर क्या स्टैंड लेंगे। आज जी-7 की बैठक में लगेगा तालिबान पर प्रतिबंध
तालिबान को लेकर सख्त है ब्रिटेन
ब्रिटेन में आज होने वाली जी-7 की बैठक में ब्रिटेन के अलावा अमेरिका, इटली, फ्रांस, जापाना, जर्मनी और कनाडा के प्रतिनिधि शामिल होने वाले हैं। तालिबान को लेकर ब्रिटेन का रुख काफी सख्त है। खबरों की मानें तो ब्रिटेन चाहता है कि तालिबान पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार करना चाहिए।
इसके अलावा इस बात की भी पूरी संभावना जताई जा रही है कि यदि तालिबान ने अपनी कथनी और करनी में अंतर दिखाया या फिर वहां पर मानवाधिकार उल्लंयघन किया और आतंकियों को पनाह दी तो उसको मानवीय आधार पर दी जाने वाली मदद को भी रोका जा सकता है।
जी-7 के सभी देश एक ही रुख अपनाएंगे
बताते चले कि पिछले दिनों ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट करते हुए कहा था कि अफगानिस्ताबन के मानवीय संकट को खत्मि करने के लिए जरूरी है कि वहां से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीकय समुदाय मिलकर काम करे।
वहीं, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक राब भी इस बात को कह चुके हैं कि तालिबान पर प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं। ऐसे में आज के जी-7 बैठक में तालिबान के मुद्दे पर क्या फैसला होगा इस पर सभी की नजरें टिकी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि जी-7 की बैठक में सभी देश एक सा ही रुख अपनाएंगे।