Sunita Williams Return Update: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, जो पिछले 9 महीनों से अंतरिक्ष में थीं, बुधवार को सफलतापूर्वक धरती पर लौट आईं। फ्लोरिडा के तट पर स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ने समुद्र में लैंडिंग की, जिसमें सुनीता और उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी थे। यह यात्रा करीब 17 घंटे लंबी थी, जिसमें एक 7 मिनट का खतरनाक कम्युनिकेशन ब्लैकआउट भी शामिल था।
अंतरिक्ष यात्रा का चुनौतीपूर्ण सफर (Sunita Williams Return Update)
स्पेसक्राफ्ट का पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करना एक जोखिमपूर्ण और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है। जब स्पेसक्राफ्ट का तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक हो जाता है, तब कुछ समय के लिए स्पेसक्राफ्ट का मिशन कंट्रोल से संपर्क टूट जाता है, जिसे “कम्युनिकेशन ब्लैकआउट” कहा जाता है। यह चरण सामान्य होने के बावजूद अत्यधिक खतरनाक होता है क्योंकि इससे स्पेसक्राफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है।
2003 में, ऐसी ही एक घटना में नासा का अंतरिक्ष यान कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जब वह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर रहा था। इस दुर्घटना में भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला समेत सात अंतरिक्ष यात्री शहीद हो गए थे। ऐसे हादसों को ध्यान में रखते हुए, कम्युनिकेशन ब्लैकआउट के दौरान पूरी दुनिया की सांसें थम जाती हैं।
Splashdown of Dragon confirmed – welcome back to Earth, Nick, Suni, Butch, and Aleks! pic.twitter.com/M4RZ6UYsQ2
— SpaceX (@SpaceX) March 18, 2025
स्पेसएक्स के ड्रैगन के साथ भी यही हुआ। हालांकि, अंतरिक्ष यान से संपर्क सात मिनट बाद ही बुधवार को सुबह करीब 3.20 बजे बहाल हो सका।
अंतरिक्ष से धरती तक की 17 घंटे लंबी यात्रा
सुनीता और उनके साथियों का सफर 18 मार्च को सुबह 08:35 बजे शुरू हुआ जब स्पेसक्राफ्ट का हैच बंद हुआ, और फिर 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अलग हुआ। अगले दिन, 19 मार्च को रात 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें स्पेसक्राफ्ट के इंजन को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के लिए सक्रिय किया गया। इस प्रक्रिया के बाद, 3:27 बजे स्पेसक्राफ्ट ने फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग की।
मिशन की शुरुआत और देरी
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को शुरुआत में बोइंग और NASA द्वारा किए गए 8 दिन के जॉइंट मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया था। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की अंतरिक्ष यात्रा क्षमता को टेस्ट करना था। हालांकि, मिशन में तकनीकी समस्याओं के कारण 8 दिन का मिशन 9 महीने से अधिक समय तक खिंच गया।
केंद्रीय मंत्री ने दी बधाई
सुनीता विलियम्स की सफल वापसी पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “यह भारत के लिए गर्व और राहत का पल है। पूरी दुनिया अब भारत की इस बेटी की सुरक्षित वापसी का जश्न मना रही है, जिन्होंने अंतरिक्ष में अनिश्चितताओं का सामना किया और साहस और दृढ़ विश्वास के साथ अपनी यात्रा पूरी की।”
A moment of glory , pride and relief! The whole world comes together to celebrate the safe return of this illustrious daughter of India who has instantly gone down in the history for the courage, conviction and consistency with which she endured the uncertainties of Space. https://t.co/HB8dXMmjGP
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) March 18, 2025
स्पेसक्राफ्ट निर्माता स्पेसएक्स को धन्यवाद
नासा ने इस सफल मिशन के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें स्पेसक्राफ्ट निर्माता कंपनी स्पेसएक्स को धन्यवाद दिया। नासा ने कहा कि इस मिशन के दौरान कई कठिनाइयाँ आईं, लेकिन सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से हुआ।
क्रू-10 मिशन की देरी की वजह
स्पेसएक्स के पास फिलहाल 4 ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट हैं, लेकिन क्रू-10 मिशन के लिए मैन्युफैक्चरिंग में देरी के कारण इसे मार्च के अंत तक टाल दिया गया था। नासा ने पहले क्रू-9 के मिशन में देरी को देखते हुए क्रू-10 मिशन के लिए पुराने स्पेसक्राफ्ट “एंड्योरेंस” का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया।
इस मिशन से जुड़ी एक और दिलचस्प बात यह है कि एलन मस्क ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को तय समय से पहले घर वापस लाने में मदद की पेशकश की थी, लेकिन राजनीतिक कारणों से इसे अस्वीकार कर दिया गया। मस्क ने एक इंटरव्यू में इस बारे में जानकारी साझा की थी। मस्क ने कहा, “दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को राजनीतिक कारणों से अंतरिक्ष स्टेशन पर छोड़ दिया गया, जो अच्छा नहीं है।”