इजराइल में युद्ध की घोषणा की है और इसके बाद अब दुनियाभर में इस युद्ध की चर्चा हो रही है. इजराइल के तेल अवीव सहित अलग अलग शहरों और कस्बों में हमास की तरफ से 5,000 से अधिक रॉकेट लॉन्च किए गए. वहीं इसके बाद इज़रायली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर लिखा है, ‘हम युद्ध में हैं.’ वहीं इस इज़रायली पीएम के इस ऐलान के बाद अब हमास और इजराइल के बीच युद्ध की शुरुआत हो चुकी है. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारों देने जा रहे हैं कि इस युद्ध की शुरुआत क्यों हुई.
जानिए क्या है इस संघर्ष की कहानी
जहाँ आमतौर पर युद्ध में दो पक्ष होते हैं तो वहीं इस युद्ध में हमास, इजरायल और फिलिस्तीन शामिल है. इजरायल और अरब देशों की दुश्मनी काफी पुरानी है और साल 1948 में जब इजरायल बना तभी से अरब देशों की इजरायल से दुश्मनी जारी रही.
दरअसल, साल 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को दो हिस्सों में बांट दिया. एक हिस्सा यहूदियों को मिला तो दूसरा हिस्सा अरब समुदाय के लोगों को दिय गया जो इस्लाम को मानते हैं. 14 मई 1948 को यहूदियों ने अपने हिस्से को एक अलग देश, इजराइल बना दिया इस फैसले से अरबी समुदाय खुश नहीं था और युद्ध की घोषणा हुई और लाखों फिलिस्तीनी बेघर हो गए.
युद्ध के बाद पूरा इलाका (इजराइल और फिलिस्तीन) को तीन हिस्सों में बांट दिया गया. फिलिस्तीन को वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी का इलाका मिला. गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है. ये पट्टी एक छोटा सा फिलिस्तीनी इलाका है. यह मिस्र और इजरायल के मध्य भूमध्यसागरीय तट पर स्थित है. फिलिस्तीन अरबी और बहुसंख्यक मुस्लिम बहुल इलाका है. ये सभी लोग प्रथम अरब- इजरायल युद्ध के शरणार्थी और उनके वंशज है.
#IsraelPalestineConflict: हमास आतंकियों के हमले का असर मिस्र में भी दिख रहा है। मिस्र पुलिसकर्मी ने दो इजरायली पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी, इजरायली विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में मौतों की पुष्टि की। #latestnews #IsraelPalestine #गाजापट्टी #Gaza #इस्लामी #प्रलय… pic.twitter.com/yiXA3KiH7Z
— Nedrick News (@nedricknews) October 9, 2023
पहले ही कई बार हुआ युद्ध
वहीं इसके बाद 1967 का 6 दिन का युद्ध हो या फिर 1973 का अरब-इजरायल युद्ध हुआ और हर युद्ध में इजरायल का आकार बढ़ाता गया और फिलिस्तीनियों की जमीन उनसे छिन गयी. वहीं इसके बाद 1990 का दशक में इजरायल और फिलिस्तीन में बातचीत का दौर शुरु हुआ लेकिन दूसरी तरफ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने 1987 में हमास नाम के संगठन की शुरुआत की. और हमास का मतलब इस्लामिक रजिस्टेंश मूवमेंट है. फिलीस्तीन को इस्लामिक स्टेट बनाने का था मकसद हमास का उद्देश्य फिलिस्तीन को इजरायल से आजाद कराना और उसे इस्लामिक स्टेट बनाना था. फिलिस्तीन में हमास अपने गतिविधियाँ बढाता चला गया और और फिलिस्तीन और इजरायल के रिश्ते सामान्य होने लगे. 1995 में इजरायल ने फिलिस्तीनियों को जमीनें लौटाना शुरू कर दिया.
आतंकी संगठन हमास ने दिया बयान : "हमने इसराइल से मस्जिद को अपवित्र करने का बदला लिया है" #BreakingNews#latestnews #Israel #Hamas pic.twitter.com/qclBjQGh2n
— Nedrick News (@nedricknews) October 8, 2023
इस तरह बांट गया फिलिस्तीन और इजरायल
इसी बीच ओस्लो समझौता हुआ और गाजा स्ट्रिप और वेस्ट बैंक को 3 तरह के क्षेत्रों में बांटा गया. जोन ए में ऐसे क्षेत्रों को रखा गया जिनपर फिलिस्तीन का पूरा नियंत्रण था. जोन बी में उन क्षेत्रों को रखा गया, जहां प्रशासन फिलिस्तीन का लेकिन सुरक्षा इजरायल के हाथ रही. इसी तरह जोन सी में वो क्षेत्र थे जहां पूर्ण रूप से इजरायल का नियंत्रण था. 1995 में हुए ओस्लो-2 समझौते के बाद जो वेस्टबैंक से फिलिस्तीन के हिस्से में कई प्रमुख शहर आए जिसमें हेब्रों, यत्ता, बेतलहम, रमल्ला, कल्कइलियाह, तुलकार्म, जैनीन, नाबुलुस थे. इसके अलावा गाजा पट्टी के शहर भी फिलिस्तीन को मिले. जिसमें रफाह, खान यूनुस, डायरल, अलबलह, जबलियाह, अन नजलाह शामिल हैं.
#IsraelUnderAttackNews: रात में इजरायली सेना ने गाजा की एक मस्जिद पर हमला कर दिया. हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ लड़ने के लिए हमास सेना में शामिल होने की घोषणा की है।#breakingnews #latestnews #इजराइल #गाजापट्टी #Israel #HamasNews #Gaza #Palestinian #Islamic
#पीएमनेतन्याहू… pic.twitter.com/1WrPR6xjrb— Nedrick News (@nedricknews) October 8, 2023
वहीं जहां लगा अब दोनों देश शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढेंगे तो वहीं दोनों पक्षों के कट्टरपंथियों को ये समझौता मंजूर नही था और जब साल 1994 में एक ही दिन यहूदियों और मुसलमानों का त्योहार एक दिन ही पड़ा उसके बाद से युद्ध की नयी शुरुआत हुई जो अभी तक जारी है. जहाँ कई बार हमास इजरायल पर हमला कर चुके हैं और इस हमले में फिलिस्तीन और हमास को बड़ा नुकसान हुआ है तो वहीं अब हमास ने अभी की बार इजरायल में सबसे बड़ा हमला किया है.
जानिए क्या है हमास का उद्देश्य
रिपोर्ट के अनुसार, साल 1987 में बना हमास नाम का संगठन का सबसे पहला उद्देश्य फिलीस्तीन को इस्लामिक स्टेट बनाना और फिलिस्तीन को इजरायल से आजाद कराना है तो वहीं सी काम के हमास के आतंकी मुस्लिम भाईचारे के नाम पर फंड इकट्ठा करता हुई और इस पैसों को इजराइल के खिलाफ इस्तेमाल करता है. वहीं इस समय हमास में करीब 27 हजार लड़ाके हैं जो 6 रीजनल ब्रिगेड में बांटे हुए हैं वहीं 6 रीजनल ब्रिगेड की 25 बटालियन और 106 कंपनियां हैं. वहीं हमास में 4 विंग हैं. सबके अलग-अलग कमांडर होते हैं.
हमास ने किया अब तक का सबसे बड़ा हमला
वहीं 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर जो रॉकेट दागे वो अब तक सबसे बड़ा हमला था. शनिवार सुबह करीब 8 बजे फिलिस्तीनी संगठन हमास ने इजराइल के तीन शहरों पर अचानक रॉकेट से हमला किया. इजराइल की राजधानी तेल अवीव, स्देरोट और अश्कलोन समेत 7 शहरों में रॉकेट दागे गए. हमास ने तीन फ्रंट से इजराइल के ठिकानों को निशाना बनाया. कहीं रिहायशी इलाकों पर रॉकेट बरसाए, कहीं इजराइल के इलाके में घुसकर फायरिंग की. वहीं हमास के हमले के बाद इजराइल की सेना भी फुल एक्शन में है.
जहाँ इज़रायली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर लिखा है, ‘हम युद्ध में हैं.’ तो वहीँ इजराइल ने सेना को मैदान में उतार दिया है साथ ही 36 विमानों के जरिए उसने गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर जबरदस्त स्ट्राइक की है.
PM नेतन्याहू ने ग़ज़ा पट्टी पर बरसाए बम, 198 लोगों की हुई मौत है…35 इजराइली बंधक
आतंकी संगठन हमास के कब्जे में…#breakingnews #latestnews #इजराइल #भारत #NaorGilon #Terrorism #गाजापट्टी #Israel #Hamas #Gaza #Palestinian #Islamic
#पीएमनेतन्याहू#इजरायलीवायु #आतंकीसंगठन #हमास… pic.twitter.com/PizHHKjNK4— Nedrick News (@nedricknews) October 8, 2023
इजराइल को हुआ भारी नुकसान
वहीं हमास द्वारा किए गए हमले के बाद इजराइल को भारी नुकसान हुआ है. अचानक हुए इस हमले की वजह से संभलने का भी मौका नहीं मिलने के कारण इजराइल में कम से कम 600 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 500 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है. इसी के साथ इस हमले के कई और देशों के लोग भी मारे गये हैं. वहीं इस युद्ध के बीच इज़रायल को कई देशों का सपोर्ट मिला है.
#IsraelHamasWarLiveUpdates: आतंकी हमले में इजराइल में अब तक 600 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई, इजराइल के हमले में 370 से ज़्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं…#latestnews #Trending #Israel #Hamas #Palestine #इजराइल pic.twitter.com/ImTQUzRLeq
— Nedrick News (@nedricknews) October 9, 2023
इजराइल को मिला इन देशों का समर्थन
इस युद्ध में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, यूक्रेन भारत सहित दुनिया के कई देशों ने इजराइल के पक्ष में खुलकर समर्थन की बात कही है तो कुछ देश ऐसे भी हैं जिन्होंने फिलिस्तीन के समर्थन में बयान दिया है. तो वहीं चीन, तुर्किये और रूस ने किसी का समर्थन नहीं किया है लेकिन हालात पर चिंता जाहिर की है.
हमास को मिला इन देशों का साथ
इसी के साथ इस युद्ध में हमास का साथ ईरान ने दी या है. ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई के एडवाइजर ने कहा है कि हम फिलिस्तीन के इजराइल पर किए अटैक का समर्थन करते हैं. वहीं मुस्लिम देश कतर ने इजराइलियों को फिलिस्तीनी लोगों के साथ हिंसा करने का जिम्मेदार ठहराया है. वहीं सऊदी अरब ने फिलिस्तीन और इजरायल से तत्काल प्रभाव से तनाव कम करने की अपील की है. वहीं कुवैत ने भी फिलिस्तीन के हमास लड़ाकों के हमले को जायज ठहराया है और इजराइल को हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार बताया है.
Also Read- भेड़ों की झुंड ने गलती से खा लिया 100 किलो भांग, उसके बाद जो हुआ वह…..