Sheikh Hasina News: बांग्लादेश में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुधवार रात बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान के ऐतिहासिक आवास को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। यह घटना ढाका के धनमंडी-32 स्थित घर पर हुई, जो बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के लिए एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल था। इस घटना पर बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तानी सेना का हवाला दिया और इस हमले को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।
शेख हसीना का बयान- Sheikh Hasina News
शेख मुजीबुर रहमान की बेटी शेख हसीना ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि धानमंडी-32 आवास उनके लिए सिर्फ एक घर नहीं बल्कि बांग्लादेश की आजादी का प्रतीक है। शेख हसीना ने याद करते हुए कहा कि इसी घर से शेख मुजीबुर्रहमान ने आजादी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। शेख हसीना ने कहा, “यह वही घर है, जहां से शेख मुजीबुर्रहमान को पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने कभी इस घर को न तो ढहाया और न ही इसे आग के हवाले किया।” शेख हसीना ने यह भी कहा कि जब शेख मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश लौटे, तो उन्होंने इसी घर से देश की नींव रखी थी।
#WATCH | An angry mob vandalized the memorial and residence of Bangladesh’s founding father, Sheikh Mujibur Rahman, located at Dhanmondi 32 in Bangladesh, demanding a ban on Awami League – the party he founded. (05.02.2025) pic.twitter.com/5rVLXot6f1
— ANI (@ANI) February 6, 2025
शेख हसीना ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने कभी भी प्रेसिडेंशियल पैलेस में शिफ्ट होने की योजना नहीं बनाई और न ही प्रधानमंत्री आवास में रहने का सोचा। वह हमेशा अपने पिता के ऐतिहासिक घर में ही रहती थीं, और यहीं पर उनके पूरे परिवार को हत्या का शिकार बनाया गया था।
शेख हसीना का फेसबुक लाइव
इस हमले के बाद शेख हसीना ने फेसबुक लाइव के जरिए पार्टी के संवाददाताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “अगर अल्लाह ने मुझे और मेरी बहन को इन हमलों के बावजूद जिंदा रखा है, तो इसका मतलब है कि मुझे कुछ बड़ा काम करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता तो मैं इतनी बार मौत को कैसे मात दे देती?” उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में चलाया गया यह आंदोलन दरअसल उनके और उनकी बहन की हत्या करने के लिए था।
घर पर हुए हमले पर सवाल
शेख हसीना ने घर पर हुए हमले पर सवाल उठाते हुए कहा, “इस घर को क्यों जलाया गया? क्या मैंने बांग्लादेश के लिए कुछ नहीं किया?” उन्होंने इस हमले को बांग्लादेश के लिए अपमान बताया और कहा, “इतिहास को जलाया जा सकता है, लेकिन उसे मिटाया नहीं जा सकता।” शेख हसीना ने यह भी कहा कि उनके पास इतनी ताकत नहीं है कि वह राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और बांग्लादेश की आजादी को बुलडोजर से नष्ट कर सकें। “वे घर को ढहा सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं। इतिहास अपना बदला लेता है,” हसीना ने कहा।
प्रदर्शन और तोड़फोड़
बांग्लादेश में बुधवार रात को प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने शेख मुजीबुर्रहमान के घर को बुलडोजर से ढहा दिया और आग लगा दी। यह घटना बांग्लादेश की राजनीति में एक और गंभीर संकट का संकेत है, जो लंबे समय से चल रहे राजनीतिक असंतोष और संघर्ष का परिणाम प्रतीत हो रही है।
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