Shahzadi Khan death sentence in UAE: यूपी के बांदा जिले की 29 वर्षीय शहजादी पर चार महीने के मासूम बच्चे की हत्या का आरोप है, जिसके चलते वह पिछले एक साल से अबू धाबी की अल-वाथबा जेल में बंद थी। खबरों के मुताबिक, 15 फरवरी की सुबह 5:30 बजे शहजादी को फांसी दी जानी थी, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
शहजादी ने 14 फरवरी की रात अपने माता-पिता को आखिरी कॉल की, जिसमें उसने बताया कि उसे फांसी से पहले एक अलग कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है। यह खबर सामने आते ही परिवार सदमे में है और भारत से लेकर अबू धाबी तक इस मामले की सच्चाई जानने के लिए कोशिशें जारी हैं।
शहजादी की आखिरी कॉल: परिवार के लिए दर्दनाक संदेश- Shahzadi Khan death sentence in UAE
14 फरवरी की रात करीब 12 बजे, शहजादी ने अबू धाबी जेल से अपने माता-पिता को आखिरी बार फोन किया। बातचीत के दौरान उसने बताया कि जेल अधिकारियों ने उसकी आखिरी इच्छा पूछी थी, जिसके बाद उसे 10 मिनट के लिए अपने परिवार से बात करने की अनुमति दी गई।
इस कॉल में शहजादी ने अपने माता-पिता से उज़ैर के खिलाफ दर्ज FIR को वापस लेने की अपील की। परिवार इस दौरान रोते-बिलखते रहा, लेकिन शहजादी ने संयमित रहते हुए उन्हें शांत रहने को कहा।
बातचीत के दौरान जब समय खत्म होने लगा, तो एक अरबी अफसर ने आदेश दिया कि कॉल समाप्त की जाए। इसके तुरंत बाद फोन पर बीप की आवाज आई और कॉल कट हो गया।
परिवार के मुताबिक, ऐसा लग रहा था कि यह शहजादी की आखिरी बातचीत थी।
क्या सच में शहजादी को फांसी दी जा चुकी है?
15 फरवरी की सुबह 5:30 बजे अबू धाबी की जेल में शहजादी को फांसी दी जानी थी। लेकिन अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अबू धाबी कोर्ट ने चार महीने के बच्चे की हत्या के मामले में शहजादी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।
- फैज, जो मृत बच्चे का पिता है, को 25 जनवरी को अबू धाबी कोर्ट से कॉल आई थी।
- उन्हें बताया गया था कि 15 फरवरी की सुबह 5:30 बजे फांसी दी जाएगी और वह चाहें तो इसे देख सकते हैं।
- लेकिन फैज जेल नहीं गए और इसके बाद उन्हें दोबारा कोई कॉल नहीं आई।
अब तक फैज या उनके परिवार को फांसी की आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, लेकिन कानूनन उन्हें इसकी जानकारी देना अनिवार्य है।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर कहा कि अबू धाबी सरकार की तरफ से भारतीय दूतावास को सूचित किया गया है कि शहजादी को फिलहाल फांसी नहीं दी गई है। शहजादी की तरफ से एक पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पेटिशन) दायर की गई है, और भारतीय दूतावास इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शहजादी की फांसी टली है या बस उसकी आधिकारिक सूचना में देरी हो रही है।
शहजादी पर लगे आरोप और विवादित मामला
शहजादी को अबू धाबी की अदालत ने चार महीने के एक मासूम बच्चे की हत्या का दोषी पाया था।
- 6 दिसंबर 2022 को बच्चे को टीका लगवाया गया था।
- उसी दिन उसकी अचानक मौत हो गई।
- परिवार ने शहजादी पर आरोप लगाया कि उसने बच्चे की नाक और मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी।
शहजादी के परिवार ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि उसे झूठे केस में फंसाया गया।
कैसे पहुंची शहजादी अबू धाबी?
शहजादी के परिवार के अनुसार, वह प्लास्टिक सर्जरी के लिए पैसे कमाने अबू धाबी गई थी। बचपन में एक दुर्घटना के कारण शहजादी का चेहरा झुलस गया था। सोशल मीडिया पर उसकी मुलाकात आगरा के उजैर से हुई, जिसने शादी और इलाज कराने का वादा किया। उजैर ने उसे अबू धाबी जाने के लिए राजी कर लिया और वहां उसे अपनी फूफी नाजिया के घर भेज दिया। असल में, नाजिया को अपने नवजात बच्चे के लिए नैनी (नौकरानी) की जरूरत थी, इसलिए उजैर ने शहजादी को 1.5 लाख रुपये में नौकरानी बनाकर भेज दिया। जब बच्चे की मौत हुई, तब 54 दिन बाद शहजादी को गिरफ्तार कर लिया गया।
फैज और उसके परिवार की प्रतिक्रिया
बच्चे के पिता फैज और उसकी मां नाजिया ने आरोप लगाया कि शहजादी ने गुस्से में बच्चे की हत्या की थी। फैज का कहना है कि शहजादी ने पहले पुलिस और कोर्ट के सामने अपना जुर्म कबूल किया था। फैज का परिवार शहजादी को माफ नहीं करना चाहता था, लेकिन वे उसे सजा दिलाने के लिए भी ज्यादा सक्रिय नहीं थे। कोर्ट ने फैज से पूछा था कि क्या वे शहजादी के लिए ‘किसास’ (बदला) या ‘लीवर’ (माफी) का विकल्प चुनना चाहते हैं। फैज ने कोई फैसला नहीं लिया और मामला कोर्ट पर छोड़ दिया।
अब क्या होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या शहजादी को फांसी दी जा चुकी है या नहीं?
- अगर फांसी दी गई है, तो इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
- अगर फांसी नहीं दी गई है, तो उसकी पुनर्विचार याचिका पर क्या फैसला होगा?
- क्या भारतीय दूतावास इस सजा को कम करवाने में सफल होगा?