Shahzadi Khan Death Row: अबू धाबी में चार महीने के मासूम बच्चे की हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई भारतीय महिला शहजादी खान को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई। यह खुलासा सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान हुआ, जहां मृतक महिला के पिता की ओर से दायर याचिका पर विचार किया गया। अदालत में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने जानकारी दी कि शहजादी का अंतिम संस्कार 5 मार्च को किया जाएगा।
शहजादी ने 14 फरवरी की रात अपने माता-पिता को आखिरी कॉल की, जिसमें उसने बताया कि उसे फांसी से पहले एक अलग कमरे में शिफ्ट कर दिया गया है। इस खबर के सामने आते ही परिवार सदमे में चल रहा था और भारत से लेकर अबू धाबी तक इस मामले की सच्चाई जानने की कोशिशें की गई।
शहजादी की आखिरी कॉल: परिवार के लिए दर्दनाक संदेश- Shahzadi Khan Death Row
14 फरवरी की रात करीब 12 बजे, शहजादी ने अबू धाबी जेल से अपने माता-पिता को आखिरी बार फोन किया। बातचीत के दौरान उसने बताया कि जेल अधिकारियों ने उसकी आखिरी इच्छा पूछी थी, जिसके बाद उसे 10 मिनट के लिए अपने परिवार से बात करने की अनुमति दी गई।
इस कॉल में शहजादी ने अपने माता-पिता से उज़ैर के खिलाफ दर्ज FIR को वापस लेने की अपील की। परिवार इस दौरान रोते-बिलखते रहा, लेकिन शहजादी ने संयमित रहते हुए उन्हें शांत रहने को कहा।
बातचीत के दौरान जब समय खत्म होने लगा, तो एक अरबी अफसर ने आदेश दिया कि कॉल समाप्त की जाए। इसके तुरंत बाद फोन पर बीप की आवाज आई और कॉल कट हो गया।
परिवार के मुताबिक, ऐसा लग रहा था कि यह शहजादी की आखिरी बातचीत थी।
क्या सच में शहजादी को फांसी दी जा चुकी है?
15 फरवरी की सुबह 5:30 बजे अबू धाबी की जेल में शहजादी को फांसी दी जानी थी। अब दिल्ली हाईकोर्ट में इस बात की आधिकारिक पुष्टि हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अबू धाबी कोर्ट ने चार महीने के बच्चे की हत्या के मामले में शहजादी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।
- फैज, जो मृत बच्चे का पिता है, को 25 जनवरी को अबू धाबी कोर्ट से कॉल आई थी।
- उन्हें बताया गया था कि 15 फरवरी की सुबह 5:30 बजे फांसी दी जाएगी और वह चाहें तो इसे देख सकते हैं।
- लेकिन फैज जेल नहीं गए और इसके बाद उन्हें दोबारा कोई कॉल नहीं आई।
फांसी से पहले शहजादी की तरफ से एक पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पेटिशन) दायर की गई, और भारतीय दूतावास इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए था। हालांकि, तमाम कोशिशों के बाद भी शहजादी की फांसी टली नहीं।
शहजादी पर लगे आरोप और विवादित मामला
शहजादी को अबू धाबी की अदालत ने चार महीने के एक मासूम बच्चे की हत्या का दोषी पाया था।
- 6 दिसंबर 2022 को बच्चे को टीका लगवाया गया था।
- उसी दिन उसकी अचानक मौत हो गई।
- परिवार ने शहजादी पर आरोप लगाया कि उसने बच्चे की नाक और मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी।
शहजादी के परिवार ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि उसे झूठे केस में फंसाया गया।
कैसे पहुंची शहजादी अबू धाबी?
शहजादी के परिवार के अनुसार, वह प्लास्टिक सर्जरी के लिए पैसे कमाने अबू धाबी गई थी। बचपन में एक दुर्घटना के कारण शहजादी का चेहरा झुलस गया था। सोशल मीडिया पर उसकी मुलाकात आगरा के उजैर से हुई, जिसने शादी और इलाज कराने का वादा किया। उजैर ने उसे अबू धाबी जाने के लिए राजी कर लिया और वहां उसे अपनी फूफी नाजिया के घर भेज दिया। असल में, नाजिया को अपने नवजात बच्चे के लिए नैनी (नौकरानी) की जरूरत थी, इसलिए उजैर ने शहजादी को 1.5 लाख रुपये में नौकरानी बनाकर भेज दिया। कुछ वक्त तक काम करने के बाद अब वह अपना खुद का कोई काम करना चाहती थी। इसके बाद शहजादी बार-बार नाजिया से बाहर काम करने की इजाजत मांग रही थी। लेकिन नाजिया इतनी सस्ती नौकरानी को छोड़ना नहीं चाहती थी।
टीका लगने के बाद मासूम की मौत, फिर शहजादी पर टूटा कहर
6 दिसंबर 2022 को नाजिया के चार महीने के बच्चे को टीका लगाया गया, लेकिन कुछ ही घंटों बाद उसकी मौत हो गई। नाजिया और उसके शौहर ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया, लेकिन जब अस्पताल प्रशासन ने पोस्टमार्टम की बात की, तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया और बच्चे को दफना दिया।
शहजादी पर जुल्म और खौफनाक साजिश
बच्चे की मौत के कुछ समय बाद शहजादी भारत लौटना चाहती थी, लेकिन उसका पासपोर्ट नाजिया और उसके शौहर के पास था। 10 फरवरी 2023 को नाजिया ने शहजादी को बेरहमी से पीटा, उसके कपड़े उतरवाए और नग्न हालत में वीडियो बनाया। धमकी दी गई कि अगर वह बच्चे की हत्या कबूल नहीं करती, तो यह वीडियो भारत में उसके रिश्तेदारों को भेज दिया जाएगा।
झूठे इकरारनामे से जेल, फिर मौत की सजा
बिना किसी सहारे और लगातार प्रताड़ना के बाद शहजादी ने वीडियो में कबूल किया कि उसने बच्चे की हत्या की है। इसके बाद नाजिया और उसका शौहर उसे पुलिस स्टेशन ले गए और वीडियो दिखाकर उसे गिरफ्तार करवा दिया।
फैज और उसके परिवार की प्रतिक्रिया
बच्चे के पिता फैज और उसकी मां नाजिया ने आरोप लगाया कि शहजादी ने गुस्से में बच्चे की हत्या की थी। फैज का कहना है कि शहजादी ने पहले पुलिस और कोर्ट के सामने अपना जुर्म कबूल किया था। फैज का परिवार शहजादी को माफ नहीं करना चाहता था। वहीं, अबू धाबी की अदालत ने बिना गहराई से जांच किए शहजादी को मौत की सजा सुना दी।