पिछले डेढ़ साल से भी ज्यादा वक्त से दुनिया कोरोना महामारी के भयंकर कहर से जूझ रही है। हालात थोड़े सामान्य होते है कि इस बीच कोरोना का नया वेरिएंट सामने आ जाता है। अलग अलग वेरिएंट की वजह से परेशानियां बढ़ जाती है। वहीं कुछ वेरिएंट तो ऐसे भी होते है, जिन पर वैक्सीन तक को बेअसर माना जाता है।
इस बीच वैज्ञानिक अब इस तैयारी में जुटे हैं कि वो एक ऐसी वैक्सीन तैयार करें, जो हर वेरिएंट पर असरदार हो। साथ ही आगे भविष्य में आने वाली ऐसी महामारी को भी रोकने में मदद मिले।
वैज्ञानिक कर रहे वैक्सीन पर रिसर्च
PTI की रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों के द्वारा एक ऐसी वैक्सीन तैयार की गई है, जो कोविड 19 के अलावा भी कोरोना के दूसरे सबी वेरिएंट पर असर करेगी। वैज्ञानिक ये वैक्सीन इसलिए तैयार कर रहे हैं जिससे भविष्य में कोरोना के किसी भी वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा मिले। अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च शुरू भी कर दी है।
फिलहाल वैक्सीन का ट्रायल चूहों पर किया जा रहा है। अब तक के ट्रायल में ये पाया गया कि वैक्सीन ने चूहों का ना सिर्फ कोविड-19, बल्कि अन्य कोरोना वायरस से भी बचाया।
इसे सेकंड जनरेशन वैक्सीन बताया गया है। ये Sarbecoviruses पर अटैक करती है, जो कोरोना वायरस की फैमिली का ही हिस्सा है। इस फैमिली ने ही बीते दो दशकों में तबाही मचाई है, जिसमें पहला SARS और दूसरा कोविड 19 है।
खास बात ये है कि वैक्सीन को तैयार करने के लिए mRNA का तरीका अपनाया गया है। इस तरीके से ही फाइजर और मॉर्डना की भी वैक्सीन तैयार हुई है। इस वैक्सीन में एक वायरल के लिए mRNA कोड डानले की जगह कई कोरोना के mRNA को एक साथ जोड़ दिया।
अगले साल से इंसानों पर शुरू हो सकता है ट्रायल
वैक्सीन का जब ट्रायल चूहों पर किया गया तो इससे कई ऐसी एंटीबॉडी डेवलप बनी जो कई स्पाइक प्रोटीन का सामना कर सकती है। वैक्सीन का ट्रायल जिन चूहों पर हुआ वो SARS-CoV और कोरोना के दूसरे वेरिएंट का शिकार थे। फिलहाल इस वैक्सीन पर और रिसर्च की जा रही है। अगर सब कुछ उम्मीद के मुताबिक रहा तो अगले साल से इंसानों पर भी इसका ट्रायल शुरू किया जा सकता है। वैक्सीन पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों का कहना है कि सबकुछ ठीक रहता है तो कोरोना फैमिली की सार्स और कोविड 19 के बाद तीसरी महामारी आने से पहले ये यूनिवर्सल वैक्सीन तैयार हो सकती है।