Russia Ukraine conflict: 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ रूस-यूक्रेन युद्ध तीन साल पूरे कर चुका है। यह संघर्ष अब तक हजारों लोगों की जान ले चुका है, लाखों लोगों को बेघर कर चुका है, और आर्थिक व सामाजिक स्तर पर गंभीर प्रभाव डाल चुका है। इस युद्ध ने न केवल दोनों देशों की सीमाओं को प्रभावित किया, बल्कि वैश्विक राजनीति, सुरक्षा, और मानवीय स्थिति पर भी गहरा असर डाला है।
एक फोटोग्राफर की नई वास्तविकता- Russia Ukraine conflict
यूक्रेन के ओडेशा शहर के वाल्डा और कोस्टिन्टयन लिवारोव, जो पहले शादी और पोर्ट्रेट फ़ोटोग्राफ़र थे, अब विनाश और युद्ध की भयावहता को कैमरे में कैद कर रहे हैं। वाल्डा को इस नए कार्य की जोखिमों का पूरा एहसास था, लेकिन उन्होंने रूस की ‘कारगुजारियों’ को दुनिया तक पहुँचाने का निश्चय किया। 2023 में डोनेट्स्क क्षेत्र में एक विस्फोट के दौरान वे घायल हुईं, और डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर में धंसे छर्रे अब नहीं निकाले जा सकते।
युद्ध का अमानवीय चेहरा
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की कर्मचारी नतालिया दातचेंको कहती हैं, “मैं कोशिश कर रही हूँ कि रोऊँ नहीं, लेकिन यह संभव नहीं। तीन साल पहले शुरू हुआ यह संघर्ष मेरे जैसे हजारों यूक्रेनवासियों के लिए अंतहीन दर्द बन गया है।”
24 फरवरी 2022 से 24 फरवरी 2025 तक, यह युद्ध न केवल जमीनी हकीकत में बल्कि आंकड़ों में भी क्रूरता की मिसाल बन चुका है।
यूक्रेन की सीमाओं में बदलाव
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, 24 फरवरी 2022 को युद्ध शुरू होने के बाद से रूस ने यूक्रेन की 11% ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है। अगर 2014 से तुलना करें तो यह आँकड़ा 18% तक पहुँच गया है।
2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्ज़ा किया और धीरे-धीरे डोनबास क्षेत्र के बड़े हिस्से को अपने नियंत्रण में ले लिया। आज डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्र रूस समर्थित अलगाववादियों के प्रभाव में हैं। खार्किव, ज़ापोरिझ्झिया, और खेरसॉन जैसे प्रमुख शहरों पर भी रूस का आंशिक नियंत्रण है।
युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिक और नागरिक
इस युद्ध में अब तक हजारों सैनिक और नागरिक मारे जा चुके हैं। स्वतंत्र रूसी वेबसाइट मीडियाज़ोना के अनुसार, 2024 के अंत तक रूस के लगभग 95,000 सैनिक युद्ध में मारे गए।
यूक्रेन की ओर से, राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि अब तक 46,000 यूक्रेनी सैनिक युद्ध में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन (HRMMU) की रिपोर्ट बताती है कि युद्ध में अब तक 12,654 नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 30,000 लोग घायल हुए हैं।
शरणार्थी संकट और विस्थापन
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध के कारण 2 मिलियन (20 लाख) से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। यूरोप में 6.3 मिलियन यूक्रेनी शरणार्थी रह रहे हैं, जिनमें से सबसे अधिक संख्या जर्मनी (1.2 मिलियन) और पोलैंड (1 मिलियन) में है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण 10 मिलियन (1 करोड़) से अधिक यूक्रेनियन आंतरिक या बाहरी रूप से विस्थापित हो चुके हैं।
आर्थिक नुकसान और पुनर्निर्माण की चुनौती
विश्व बैंक और यूक्रेन सरकार के अनुमानों के अनुसार, यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को अब तक 150 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो चुका है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह नुकसान 400-500 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है।
रूस ने भी इस युद्ध में भारी आर्थिक क्षति उठाई है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के अनुसार, रूस ने युद्ध संचालन पर 211 अरब डॉलर खर्च किए हैं, और यह आँकड़ा 2025 तक 300 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है।
तीन साल बाद भी रूस-यूक्रेन युद्ध का अंत दूर नजर आता है। यह संघर्ष केवल क्षेत्रीय विवाद नहीं रह गया, बल्कि वैश्विक राजनीति, आर्थिक व्यवस्था और मानवाधिकारों के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है। युद्ध ने हजारों निर्दोष लोगों की जान ले ली, लाखों को विस्थापित कर दिया, और अकल्पनीय आर्थिक क्षति पहुँचाई।
भविष्य में इस युद्ध का क्या परिणाम होगा, यह अनिश्चित है, लेकिन एक बात स्पष्ट है—यह संघर्ष जितना लंबा चलेगा, मानवता पर उसका असर उतना ही गहरा होगा।