रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब और ज्यादा भयानक रूप लेती चली जा रही है। रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव की घेरेबंदी कर हमले तेज कर दिए गए। इस जंग के बीच वैक्यूम बम को लेकर चर्चाएं भी जोरों पर शुरू हो गई। दरअसल, अमेरिका स्थित यूक्रेनी दूतावास ने रूस पर वॉर के दौरान वैक्यूम बम गिराने के आरोप लगाए हैं। दावा किया है कि रूस ने इस बम का इस्तेमाल एयरस्ट्राइक के दौरान किया। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन के साथ जारी तनातनी के बीच देश की न्यूकिलियर फोर्स को अलर्ट पर रख दिया था। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये वैक्यूम बम है क्या, जिसका इस्तेमाल कर रूस पर यूक्रेन में तबाही मचाने के आरोप लगाए जा रहे हैं?
वैक्यूम बम को आधिकारिक तौर पर Thermobaric weapons कहा जाता है। दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों में से ये एक हैं। इस बम के अंदर एक्सप्लोसिव फ्यूल और केमिकल भरा हुआ होता है। धमाका होने पर बम में सुपरसोनिक तरंगें पैदा होती है। बम के फटते ही विस्फोट के रास्ते में जो कुछ भी आता है, वो सबकुछ तबाह कर देता है। वैक्यूम बम बड़ा धमाका करने के लिए आसपास से ऑक्सीजन सोख लेता है।
इस बम को सेमी न्यूक्लियर वेपन भी कहा जा सकता है। इससे गर्मी बढ़ जाती है और ऑक्सीजन की कमी भी हो जाती है। इस बम के इस्तेमाल से बड़ी ही आसानी से लोगों की जान चली जाती है। जहां पर भी ये बम फटता है वहां आसपास के इलाकों में लोगों का दम घुटने जैसा महसूस होने लगता है। फिर ऑक्सीजन की कमी के चलते लोग मरने की स्थिति में आ जाते हैं। वैक्यूम बम का असर लंबे वक्त तक बना रहता है। बम इतना पॉवरफुल है कि इसके दायरे में अगर इंसान आए तो वो भी गैस बन सकता है। रूस ने साल 2007 में इस बम को विकसित किया था। इसका वजन 7100 किलो होता है।
वैक्यूम बम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इस पर बैन लगा हुआ है। बावजूद इसके रूस पर इस बम को इस्तेमाल करने के आरोप लगे हैं। रूस ने अगर इन बमों का इस्तेमाल किया है, तो ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों को उल्लंघन है। हालांकि अब तक इसके कोई सबूत नहीं मिले।