Revolt In Pakistan Army: पाकिस्तानी सेना के अंदर गहरे संकट और असहमति की स्थिति पैदा हो गई है। सेना प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर के खिलाफ जूनियर अफसरों ने अब बगावती तेवर अपना लिए हैं। सेना के कर्नल, मेजर और कैप्टन रैंक के अधिकारियों ने जनरल मुनीर से इस्तीफे की मांग करते हुए एक तीखा पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मुनीर पर सेना को राजनीतिक उत्पीड़न और निजी बदला लेने के लिए साधन के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
पत्र में तगड़ी चेतावनी- Revolt In Pakistan Army
सीएनएन-न्यूज 18 के अनुसार, यह पत्र जनरल मुनीर के नेतृत्व की आलोचना करता है, जिसमें कहा गया है कि उनका नेतृत्व पाकिस्तान को गहरे संकट में धकेल चुका है। पत्र में 1971 की काली यादों को ताजा करते हुए कहा गया कि मुनीर के नेतृत्व ने पाकिस्तान को उसी रास्ते पर ला खड़ा किया है, जिस रास्ते पर 1971 में पाकिस्तान को भयावह हार का सामना करना पड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ था।
पत्र में बहुत तीखी भाषा में यह चेतावनी दी गई है कि, “यह कोई अपील नहीं है। यह कोई समझौता नहीं है। यह आपका 1971 है जनरल और हम आपको इसी छाया में दफन नहीं होने देंगे।” अधिकारियों ने मुनीर पर राजनीतिक असहमति को दबाने, पत्रकारों को चुप कराने और लोकतांत्रिक ताकतों को कुचलने के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, पत्र में अप्रैल 2022 में इमरान खान की सरकार गिराने के बाद की हिंसक घटनाओं और 8 फरवरी 2024 के चुनावों में कथित हेरफेर को ऐसे निर्णायक क्षण के रूप में उजागर किया गया है, जिनसे सेना की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
आर्थिक संकट और जनता का गुस्सा
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि जनरल मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। अफसरों ने मुनीर पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी सत्ता को बचाने के लिए देश को आर्थिक संकट में डाल दिया है। “अर्थव्यवस्था एक लाश बन चुकी है और फिर भी आप हेड क्वार्टर में किसी तानाशाह की तरह घूमते हैं, अपना कार्यकाल 2027 तक बढ़ाते हैं जबकि हम भूखे मर रहे हैं,” पत्र में लिखा गया है।
जनता के गुस्से का भी इसमें उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है, “बच्चे हमारी चौकियों पर पत्थर फेंकते हैं। आपने पाकिस्तानी सेना को अपनी ही धरती पर बेगाना कर दिया है।” अफसरों ने जनरल मुनीर की तुलना फासीवादी खूंखार जानवर से की है, जो अपने ही लोगों की कीमत पर सत्ता का आनंद ले रहे हैं।
सेना के भीतर अस्तित्व का संकट
रिपोर्ट में शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से पत्र की पुष्टि की गई है और इसे पाकिस्तानी सेना के लिए अस्तित्व का संकट बताया गया है। पत्र में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि जनरल मुनीर पद से इस्तीफा नहीं देते हैं, तो सेना खुद कार्रवाई करेगी। अफसरों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सेना की कमान अब वरिष्ठ अधिकारियों की एक परिषद को सौंपी जानी चाहिए, जो सेना की प्रतिष्ठा को बहाल करेगी और मुनीर को उनके कथित अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराएगी।
बलूचिस्तान और पारंपरिक सम्मान की आलोचना
पत्र में बलूचिस्तान में अलगाववादी संगठन बीएलए के लड़ाकों द्वारा जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को अगवा करने को अपमानजनक क्षण बताया गया। अफसरों ने कहा, “हमने उस दिन बलूचिस्तान खो दिया, हमने अपनी गरिमा खो दी।” जनरल मुनीर के नेतृत्व को आलोचना करते हुए, अधिकारियों ने यह भी कहा कि सेना के पारंपरिक सम्मान को बनाए रखने में उनकी विफलता पाकिस्तान के लिए एक बड़ा नुकसान है।