जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या को लेकर जो कनेक्शन सामने आया है, वो काफी हैरतअंगेज है। शिंजो आबे की हत्या में धर्मगुरु और धर्मिक संस्था से जुड़े होने की खबर है। हत्या के आरोपी ने कबूला है कि वो शिंजो आबे की नहीं बल्की किसी धर्म गुरु की हत्या को अंजाम देना चाहता था। क्योंकि वो आबे की वजह से धर्म गुरु की हत्या नहीं कर पाया इसलिए उसने आबे की हत्या कर दी।
दरअसल, शिंजो आबे की हत्या को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है कि शिंजो से आरोपी यामागामी खफा था। क्योकि शिंजो आबो एक धर्मगुरु के करीबी माने जाते थे, जिसके कारण आरोपी की मां दिवालिया हो गई थी। आरोपी का कहना है कि शिंजो उसी धार्मिक समूह को बढ़ावा देते थे, जिसे आरोपी यामागामी मारना चाहता था और उसकी हत्या करना चाहता था। पुलिस की पूछताछ के दौरान आपोपी ने बताया कि वह शिंजो आबे की नहीं, एक धर्मगुरु की हत्या करना चाहता था। हालांकि वो धर्मगुरु की हत्या नहीं कर सका, क्योंकि शिजो आबे का उस धर्मगुरु से अच्छा रिलेशन बना हुआ था, जिसके चलते आरोपी ने हत्या की साजिश रची और शिंजो आबे को ही मार डाला।
इस वजह से आरोपी ने की शिंजो आबे की हत्या
आबे की हत्या का आरोपी तेत्सुया यामागामी ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया था कि उसने शुरू में धार्मिक समूह के नेता पर हमला करने की साजिश रची थी। क्योंकि आरोपी की मां बड़ी रकम दान करने के बाद ही दिवालिया हो गई थी। आरोपी तेत्सुया यामागामी ने मां को मना भी किया था, लेकिन मां नहीं मानी और दिवालिया हो गई। हालांकि मीडिया की किसी भी रिपोर्टे्स में उस धार्मिक समूह का नाम नहीं दिया गया है।
हाथ से बनाए बंदूक से की गई शिंजो आबे की हत्या
वहीं पुलिस की जांच में मिली जानकारी से सामने आया कि आबे की हत्या को हाथ से बनाए बंदूक से अंजाम दिया। आरोपी यामागामी ने शिंजो आबे की हत्या के लिए तैयार किए बंदूक के लिए हथियार के कुछ हिस्से ऑनलाइन खरीदे थे। हथियार बनाने के साथ ही साजिश रचने के लिए यामागामी महीनों तक घर में ही रहा। जिसके बाद आरोपी ने हाथ से बनाए बंदूक से ही शुक्रवार को हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। हथियार विशेषज्ञों का मानना है कि आरोपी ने जो बंदूक हत्या के लिए यूज किया उसे बेहद ही आसानी से बनाकर तैयार किया जा सकता है। इसके पार्ट्स आसानी से खरीदे जा सकते है।
आरोपी ने 3 साल तक दी सेल्फ डिफेंस फोर्स में अपनी सेवा
बता दें कि जानकारी में ये भी पाया गया है कि आरोपी यामागामी ने करीब 3 साल तक जापान के समुद्री सेल्फ डिफेंस फोर्स में अपनी सेवा दी थी। साल 2002 से 2005 के बीच आरोपी ने पूरे तीन साल तक काम किया। जाहिर है कि शिंजो आबे की हत्या 8 जुलाई को एक चुनावी भाषण के दौरान कर दी गई थी। जिसके तुरंत ही बाद वे जमीन पर गिर पड़े और उन्हें दिल का दौरा भी पड़ा। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन तब तक उनकी सांसे थम चुकी थी।