अमेरिकी चुनाव में अब सिर्फ आठ हफ्ते बचे हैं। डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है। इस बीच दोनों पार्टियों के उम्मीदवार कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली बार तीखी बहस हुई है। इस बहस को काफी जोरदार माना जा रहा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहली बहस में कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप को कई मोर्चों पर बैकफुट पर धकेल दिया। 90 मिनट तक चली प्रेसिडेंशियल डिबेट में दोनों उम्मीदवारों ने अर्थव्यवस्था, टैक्स कटौती, आव्रजन मुद्दे, गर्भपात कानून, चीन, रूस-यूक्रेन युद्ध, आवास, नौकरी, विदेश नीति समेत कई बड़े मुद्दों पर बहस की।
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इससे पहले 27 जून को पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई थी, जिसमें हार के बाद जो बिडेन को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से हटना पड़ा था। इसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को अपना उम्मीदवार बनाया। आइए अब जानते हैं किस मुद्दे पर क्या बोले ट्रंप और कमला हैरिस।
अर्थव्यवस्था और टैक्स का मुद्दा
कमला हैरिस ने राष्ट्रपति चुने जाने पर मध्यम वर्गीय अमेरिकी परिवारों पर टैक्स में कटौती और छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने का वादा किया। उन्होंने ट्रंप को भी निशाने पर लिया। कमला ने ट्रंप पर बिक्री कर (Sales tax) की योजना बनाने का आरोप लगाया, जिससे अमेरिकी मध्यम वर्ग पर सालाना 4,000 डॉलर का बोझ बढ़ेगा। कमला ने कहा, वह (ट्रंप) अरबपतियों और बड़ी कंपनियों को कर में कटौती देंगे। कमला के आरोपों पर ट्रंप ने कहा, कमला के आरोप झूठे हैं। वह भी यह अच्छी तरह जानती हैं। हम अमेरिकियों पर नहीं, दूसरे देशों पर टैरिफ दरें बढ़ाएंगे। हम विदेशी आयात पर टैरिफ लगाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। जब मैंने ऐसा किया, तो देश में मुद्रास्फीति नहीं थी। आज हमारे देश में ऐतिहासिक मुद्रास्फीति है। मैंने चीन पर टैरिफ लगाकर 35 मिलियन डॉलर एकत्र किए। उन्होंने ऐसा नहीं किया।
हेल्थ केयर को लेकर कमला का ट्रंप पर वार
इसके बाद ओबामा की हेल्थ केयर स्कीम के बारे में भी विवादास्पद चर्चा हुई। कमला हैरिस ने घोषणा की कि वह राष्ट्रपति ओबामा द्वारा शुरू किए गए अफोर्डेबल केयर एक्ट को लागू करेंगी। कमला के अनुसार, ट्रम्प के पास स्वास्थ्य सेवा के लिए रणनीति और दृष्टिकोण का अभाव है। महत्वपूर्ण बात यह है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने स्वीकार किया है कि उनके पास वर्तमान में कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, मैं अफोर्डेबल केयर एक्ट की आलोचना करता हूं। हालांकि, मैं इसे तब तक समाप्त नहीं करूंगा जब तक कि मेरे पास अधिक लागत प्रभावी और बेहतर योजना तैयार न हो जाए। हालांकि, अभी तक, हमारे पास कोई योजना नहीं है, और मैं राष्ट्रपति नहीं हूं।
गर्भपात पर आर–पार वाली बहस
गर्भपात पर बहस शुरू होने पर कमला हैरिस ने स्पष्ट रूप से ट्रम्प को याद दिलाया कि उन्हें किसी महिला को यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि उसे अपने शरीर के साथ क्या करना है। कमला हैरिस ने यहाँ तक कहा कि अगर ट्रम्प राष्ट्रपति पद जीत जाते हैं तो बलात्कार की शिकार महिला को भी गर्भपात कराने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि ट्रम्प सिर्फ़ गर्भपात को गैरकानूनी घोषित करना चाहते थे। इस बारे में डोनाल्ड ट्रम्प सिर्फ़ इतना ही कह सकते थे कि वे कोई प्रतिबंध नहीं लगाएँगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने अब राज्यों को अंतिम निर्णय लेने का अधिकार दे दिया है।
रूस–यूक्रेन युद्ध पर कमला का ट्रंप पर अटैक
वैसे, रूस-यूक्रेन संघर्ष के तर्क को जिस तरह से देखा गया, उसके आधार पर विश्लेषकों का मानना है कि कमला हैरिस की आलोचना ज़्यादा सफल रही। दरअसल, ट्रंप ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तुरंत खत्म हो जाना चाहिए। बातचीत का इस्तेमाल डील पाने के लिए किया जाना चाहिए। हालांकि, कमला हैरिस ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर ट्रंप राष्ट्रपति चुने जाते तो पुतिन कीव में बैठे होते, रूस में नहीं। सरल शब्दों में कहें तो, कमला ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर ट्रंप सत्ता में होते तो रूस बहुत पहले ही यूक्रेन पर आक्रमण कर चुका होता।
अफगानिस्तान से सेना वापसी पर बोले कमला और ट्रंप
अफ़गानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के विषय पर भी डिबेट की गई। तालिबान के साथ बातचीत में डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन की भागीदारी का समर्थन किया गया। उन्होंने कहा कि माइक पोम्पिओ ने हमारे साथ बहुत बढ़िया समझौता किया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हम बाहर जा रहे थे। हम अपने सैनिकों को नहीं खोते, इसलिए हम और भी जल्दी निकल सकते थे।
कमला ने कहा, ‘मैं अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी की जो बाइडन की नीति से सहमत हूं। ट्रंप ने की तालिबान से बात। उन्होंने आतंकियों से बात की। उन्होंने तालिबान को कैंप डेविड में आमंत्रित किया।’
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