Panama Canal China Connection: पनामा नहर, जो वैश्विक व्यापार और अमेरिकी सैन्य रणनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय विवाद का केंद्र बन गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कई बार यह संकेत दिया है कि अमेरिका पनामा नहर का नियंत्रण फिर से अपने हाथों में लेने की योजना बना रहा है।
ट्रंप की चेतावनी और अमेरिका की रणनीति- Panama Canal China Connection
दरअसल, 20 साल पहले एक संधि के तहत पनामा ने नहर का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। लेकिन ट्रंप प्रशासन का मानना है कि इस नहर पर चीन का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। उनका आरोप है कि चीन पनामा नहर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण संपत्तियों का मालिक बन चुका है और इसे अपने हितों के लिए इस्तेमाल कर रहा है। इसी संदर्भ में, ट्रंप ने पनामा नहर के पुनर्नियंत्रण की धमकी दी है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मच गई है।
ब्लैकरॉक की डील और चीन की आपत्ति
बीते सप्ताह, दुनिया की सबसे बड़ी इन्वेस्टमेंट फर्म ब्लैकरॉक के नेतृत्व में निवेशकों के एक समूह ने घोषणा की कि वे हॉन्ग कॉन्ग की कंपनी CK Hutchison से पनामा नहर के दोनों किनारों पर स्थित बाल्बोआ और क्रिस्टोबल पोर्ट्स को $22.8 अरब में खरीदने जा रहे हैं। इस डील के जरिए ब्लैकरॉक 23 देशों में फैले 43 बंदरगाहों पर नियंत्रण हासिल करना चाहता है, जिनमें 199 बर्थ शामिल हैं।
लेकिन चीन इस सौदे से नाराज है। उसने ब्लैकरॉक द्वारा पनामा नहर से जुड़े बंदरगाहों को खरीदने के फैसले का कड़ा विरोध किया है और इसे चीन के खिलाफ विश्वासघात करार दिया है। शुक्रवार को CK Hutchison के शेयरों में 6% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई कि अगर चीन इस डील का विरोध जारी रखता है, तो यह सौदा पूरा नहीं हो पाएगा।
चीन की नाराजगी और राजनीतिक विवाद
जब इस डील की घोषणा की गई थी, तो इसे CK Hutchison के लिए एक बेहतरीन अवसर माना जा रहा था, क्योंकि इससे उसे $19 अरब से अधिक की नकदी मिल सकती थी। लेकिन चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के करीबी अखबार Ta Kung Pao ने इस सौदे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उसने CK Hutchison पर राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करने और चीन की जनता को धोखा देने का आरोप लगाया।
इस विवाद का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि CK Hutchison में हॉन्ग कॉन्ग के दिग्गज निवेशक ली का-शिंग का बड़ा निवेश है। चीन की सरकार और उसके समर्थक इस डील को चीन की रणनीतिक परिसंपत्तियों की बिक्री के रूप में देख रहे हैं, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई है।
पनामा नहर: ऐतिहासिक महत्व और वैश्विक व्यापार पर असर
पनामा नहर का निर्माण 20वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका ने किया था, और 1914 में इसे चालू कर दिया गया। यह नहर अमेरिका के सैन्य और आर्थिक हितों के लिए बेहद अहम रही है। हालांकि, 1999 में एक संधि के तहत अमेरिका ने इसका नियंत्रण पनामा को सौंप दिया था।
आज, यह 51 मील लंबी नहर वैश्विक व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र बनी हुई है। दुनिया के कुल समुद्री व्यापार का 4% और अमेरिकी कंटेनर यातायात का 40% इसी नहर से होकर गुजरता है। इस वजह से अमेरिका और चीन, दोनों के लिए यह क्षेत्र भू-राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ब्लैकरॉक की ताकत और प्रभाव
ब्लैकरॉक दुनिया की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल इन्वेस्टमेंट फर्म है और इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 11.6 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है। यह अमेरिकी जीडीपी के लगभग आधे के बराबर और भारत की जीडीपी के तीन गुना के बराबर है।
ब्लैकरॉक ग्लोबल मार्केट्स का सबसे बड़ा खिलाड़ी है, और दुनिया की कई प्रमुख कंपनियों में इसकी हिस्सेदारी है। इसका नियंत्रण दुनिया के कुल शेयरों और बॉन्ड्स के 10% पर है, जिससे इसे “शैडो बैंकिंग” के सबसे बड़े खिलाड़ी के रूप में देखा जाता है।