पड़ोसी देश पाकिस्तान लगातार भारत के साथ अपने संबंध अच्छे करने के लिए छटपटा रहा हैं। पाकिस्तान की तरफ से कई बार बातचीत के लिए पेशकश की जा चुकी हैं। लेकिन इस पर भारत का रूख भी एकदम साफ है। भारत साफतौर पर पाकिस्तान को बता चुका है कि जब तक वो आतंकवाद के रास्ते को नहीं छोड़ता, तब तक बातचीत संभव नहीं। बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते।
इसके बावजूद पाकिस्तान ने आतंक का रास्ता तो नहीं छोड़ा। फिर भी चाह रहा है कि भारत उससे दोस्ती करें। दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार लाने के लिए बातचीत की राह पर आगे बढ़े। यानी एक ओर तो पाकिस्तान के आतंकी भारत में आतंकवाद फैलाते जाएं, दूसरी ओर भारत उसी पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते सुधारें।
RSS को लेकर इमरान का बड़ा बयान
अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर दोनों देशों के बीच बातचीत पर चौंकाने वाले बयान दिया। उज्बेकिस्तान में इमरान खान को खुद को ‘सभ्य पड़ोसी’ बताया, और दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू नहीं होने के लिए RSS को जिम्मेदार ठहराया।
दरअसल, इमरान खान उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में दो दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आए हैं। यहां पर समाचार एजेंसी ANI के एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि भारत का आपसे सीधा सवाल है कि क्या बातचीत और आतंकवाद एक साथ चल सकता है?
तो इस पर जवाब देते हुए वो बोले- “भारत का तो हम कितने दिनों से इंतजार कर रहे हैं कि हम सिविलाइज्ड हमसाया (सभ्य पड़ोसी) बनकर रहें। लेकिन हम क्या करें, रास्ते में RSS की आडियोलॉजी आ गई।’
वहीं इसके बाद पाकिस्तान के पीएम से तालिबान को लेकर भी सवाल किया गया, जिसका जवाब को उनसे दिया ही नहीं गया। वो सवाल का जवाब दिए बिना ही वहां से उठकर चले गए।
जब आतंकवाद पर घिरा, तो खुद को बताया पीड़ित
वहीं सम्मेलन के दौरान इमरान खान, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति से भी भिड़ गए। दरअसल, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के पाकिस्तान से रिश्तों पर पोल खोल दी। जिससे इमरान बौखला गए और सम्मेलन में खुद को ही आतंकवाद से सबसे पीड़ित देश बताने की कोशिश करने लगे।
इस दौरान इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान में अशांति से सबसे अधिक प्रभावित देश पाकिस्तान ही है। बीते 15 साल में हमने अपने 70 हजार लोगों को खोया। पाकिस्तान सिर्फ शांति ही चाहता है।