Nijjar killing Case: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर लगाए गए बेबुनियाद आरोपों की पोल खुद कनाडा पब्लिक इंक्वायरी कमीशन की रिपोर्ट ने खोल दी है। ट्रूडो ने सितंबर 2023 में दावा किया था कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे। हालांकि, कनाडाई आयोग की 123 पन्नों की रिपोर्ट ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि इस हत्या में किसी विदेशी राज्य की निश्चित संलिप्तता का कोई सबूत नहीं है।
जांच आयोग ने क्या कहा? (Nijjar killing Case)
कनाडा के संघीय चुनाव और लोकतांत्रिक संस्थानों में विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे सार्वजनिक जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि ट्रूडो के दावों के बावजूद हत्या से कोई निर्णायक विदेशी संबंध स्थापित नहीं हो पाया। आयुक्त मैरी-जोसी हॉग के अनुसार, “हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संदिग्ध भारतीय संलिप्तता की प्रधानमंत्री (ट्रूडो) द्वारा की गई घोषणा के बाद गलत सूचना अभियान चलाया गया, लेकिन कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले।”
भारतीय राजनयिकों के निष्कासन का जिक्र
रिपोर्ट में अक्टूबर 2024 में कनाडा द्वारा छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने का भी उल्लेख किया गया है। भारत ने इसके जवाब में छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया था। ट्रूडो के निराधार आरोपों के चलते भारत-कनाडा संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए। नई दिल्ली ने इन आरोपों को बेतुका और मनगढ़ंत करार दिया था।
खालिस्तानियों की मौजूदगी पर रिपोर्ट का खुलासा
भारत लगातार कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों को शरण देने के लिए ट्रूडो सरकार की आलोचना करता रहा है। जांच आयोग की रिपोर्ट में भी कनाडा में खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों की मौजूदगी को स्वीकार किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में खालिस्तानी गुट सक्रिय हैं और भारत की यह चिंता जायज है।
ट्रूडो की चाल नाकाम
भारत को बदनाम करने की ट्रूडो की चाल पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो गई है। भारत ने पहले ही ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था, और अब कनाडा के आयोग की रिपोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में भारत के खिलाफ कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं है। ट्रूडो ने 2023 में दावा किया था कि निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के विश्वसनीय प्रमाण हैं, लेकिन रिपोर्ट ने इन आरोपों को निराधार बताया है।
भारत को मिली क्लीन चिट
कनाडा के आयोग की रिपोर्ट में भारत को इस मामले में पूरी तरह से क्लीन चिट दे दी गई है। ‘संघीय चुनाव प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में बताया गया कि गलत सूचना का उपयोग अक्सर राजनीतिक लाभ और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित करने के लिए किया जाता है।
ट्रूडो के आरोपों की सच्चाई अब पूरी दुनिया के सामने आ चुकी है। कनाडा के सार्वजनिक जांच आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि भारत के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है। इस रिपोर्ट के बाद यह साफ हो गया है कि ट्रूडो सरकार ने केवल भारत को बदनाम करने की कोशिश की थी।
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