बांग्लादेश में इस समय हालात बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं। हर तरफ अफरातफरी का माहौल है, हिंदू अपनी जान बचाने के लिए अपने घरों में छिपे हुए हैं और दंगाई हिंसा रोकने का नाम नहीं ले रहे हैं। कई मंत्री और आम लोग इस हिंसा का शिकार हो चुके हैं। जिसके चलते पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है और वो अपनी जान बचाकर सुरक्षित भारत पहुंच गई हैं। इस बीच शेख हसीना के उस टॉर्चर की भी खूब चर्चा हो रही है जिसका इस्तेमाल वो राजनीतिक विरोधियों को सताने के लिए करती थीं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं ढाका कैंट के आइनाघर की। खबर है कि इस आइनाघर से करीब 100 लोगों का अभी भी पता नहीं चल पाया है कि वो कहां चले गए हैं। इस आइनाघर में खिड़कियां नहीं हैं और यहां रोशनी भी बहुत कम आती है।
क्या है आईनाघर?
शेख हसीना के शासनकाल में, हाउस ऑफ मिरर्स लोगों को अप्रत्याशित रूप से गायब करने और राजनीतिक विरोधियों से सख्ती से निपटने के लिए कुख्यात था। अध्ययन के अनुसार, ढाका के अलावा अन्य स्थानों पर 23 अन्य गुप्त जेल सुविधाएं हैं। आइनाघर में न केवल राजनीतिक विरोधियों, बल्कि कट्टरपंथियों को भी रखा जाता था और उन्हें प्रताड़ित किया जाता था।
ह्यूमन राइट्स वॉच की 2024 की रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि 2009 में जब शेख हसीना सत्ता में आईं, तब से बांग्लादेशी सेना 600 से अधिक लोगों को गायब कर चुकी है।
दिखने में बड़ा डरावना दिखता है आईनाघर?
रिपोर्ट के मुताबिक, आईनाघर की छतें बहुत ऊंची हैं और यहां पूर्व कैदियों की नक्काशी और लिखित संदेश मिले हैं। 21 अगस्त 2016 को बैरिस्टर अहमद बिन कासिम अरमान को गिरफ्तार कर इसी आईनाघर में रखा गया था। यह आईनाघर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की गुप्त जेल थी। आईनाघर में हिरासत में लिए गए और रखे गए लोगों को इतना प्रताड़ित किया जाता था कि वे कभी इस बारे में बात नहीं करते। कैदी यह भी नहीं बताते कि उन्होंने इस जेल में क्या-क्या सहा है।
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, शेख हसीना ने जबरन गायब किए गए लोगों की जांच में संयुक्त राष्ट्र के साथ सहयोग करने से भी इनकार कर दिया है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि 2022 में उनकी पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान को भी आईने का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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