क्या सच में है नित्यानंद का ‘कैलासा’ देश
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की सार्वजनिक बैठक में एक भगवाधारी महिला विजयप्रिया नित्यानंद (Vijayapriya Nithyananda) शामिल हुई. जो संयुक्त राष्ट्र (UN) में कैलास देश (Kailas country) का प्रतिनिधित्व कर रही है. वहीं इस महिला की वजह से भारत के भगोड़े नित्यानंद (Nityananda) चर्चा में आ गये हैं जो खुद के देश होने का दावा करते हैं. वहीं इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि नित्यानंद के ‘कैलासा’ देश का रहस्य क्या है. जिस देश की प्रतिनिधित्व बनकर विजयप्रिया नित्यानंद UN की बैठक में शामिल हुई थी.
जानिए नित्यानंद के ‘कैलासा’ देश का रहस्य
बलात्कार के आरोपी नित्यानंद 2018 में अपने दो शिष्यों के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद भारत से भाग गया था. भारत से भागने के बाद भगोड़े नित्यानंद ने तथाकथित देश ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ (USK) का दावा किया है. लेकिन इस बात की जानकारी किसी को नहीं है कि यह देश कहां है लेकिन अनुयायियों की सोशल मीडिया पर मौजूदगी है. जहां वे अपने देश में हो रहे विकास पर लगातार अपडेट पोस्ट करते रहते हैं.
इस जगह पर हैं ‘कैलासा’ देश
मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, नित्यानंद ने इक्वाडोर के तट पर एक द्वीप खरीदा है, जहां वह ‘कैलासा’ (kailasa) स्थापित करने का दावा करता है. इस देश का नाम ‘कैलासा’ तिब्बत में कैलाश पर्वत के नाम पर रखा गया है, जिसे हिंदुओं का पवित्र तीर्थ-स्थान माना जाता है.
कैलासा देश करता है ये दावा
कैलासा देश अपना एक झंडा, एक संविधान, एक आर्थिक प्रणाली, एक पासपोर्ट और एक प्रतीक के होने का दावा करता है. वहीं इसकी वेबसाइट के अनुसार, हर दूसरे देश की तरह ‘कैलासा’ में भी ट्रेजरी, कॉमर्स, सॉवरेन, हाउसिंग, ह्यूमन सर्विसेज जैसे कई विभाग हैं. लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ ने ‘कैलासा’ को मान्यता नहीं दिया है.
इन लोगों को मिलती है इस देश में शरण
कैलासा दुनिया भर के इच्छुक या सताए गए हिंदुओं को शरण की पेशकश करता है. जहां वे शांतिपूर्वक रह सकते हैं और अपमान, हस्तक्षेप और हिंसा से मुक्त रहकर अपनी आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति का पालन कर सकते हैं. हाल ही मे मशहूर हुए इस काल्पनिक देश की वेबसाइट के मुताबिक ‘कैलासा’ एक आंदोलन है. जिसकी स्थापना कनाडा, अमेरिका और दूसरे देशों के हिंदू धर्म के शैव अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों द्वारा की गई है. यह सभी हिंदुओं को एक सुरक्षित पनाह देने का दावा करता है.