किम जोंग जो पूरी दुनिया में अपनी क्रूरता के लिए फेमस है। जो कोरिया में अपना तानाशाही शासन चलाता है। वो किम जोंग जिसका ह्रदय इतना क्रूरता वाला है। तो क्या उस तानाशाह किम जोंग का हृदय परिवर्तन हो चुका है? क्या नए साल में किम जोंग की छवि बदलने वाली है? ये सवाल इसलिए हैं क्योंकि किम जोंग ने अपने ऐसे लक्ष्यों को सामने रखा, जिन्हें उनको पहले कभी कहते नहीं देखा गया है। साल 2021 के आखिरी दिन अपने संबोधन के दौरान इस तानाशाह शासक ने परमाणु हथियारों की बजाय खाद्यान्न की बात की है। 10 साल से नॉर्थ कोरिया में शासन कर रहे किम जोंग को उनकी तानाशाही और उग्र व्यवहार के लिए जाना जाता है लेकिन लगता है नए साल में किम जोंग उन ने खुद को बदलने का फैसला किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किम जोंग उन ने इस बार अपने संबोधन में घातक हथियारों और अमेरिका की बातचीत करने के अलावा ट्रैक्टर फैक्ट्री, स्कूल यूनिफॉर्म और खाद्यान्न जैसे मुद्दों पर बातचीत की है। साल के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को किम जोंग उन ने अपने भाषण में तानाशाह ने कहा कि साल 2022 के लिए नॉर्थ कोरिया का मुख्य लक्ष्य आर्थिक विकास और लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाना होगा। कोरिया की वर्क्स पार्टी की आठवीं सेंट्रल कमेटी की बैठक के आखिरी दिन किम जोंग उन ने ये बात कही।
किम जोंग ने साल 2011 में अपने पिता के निधन के बाद नॉर्थ कोरिया की गद्दी पर बैठे थे। किम जोंग के 10 सालों का शासन पूरे होने पर लेखा-जोखा भी रखा। किम जोंग उन ने इस बैठक में भाषण भी दिया और अपने भाषण में किम जोंग उन ने पिछली बातों को भी दोहराया, जिसमें अहम नीति निर्धारण की बात कही गई थी। इसके अलावा साउथ कोरिया और यूनाइटेड स्टेट के साथ डिप्लोमैटिक रिश्ते बढ़ाने की बात कही।
किम जोंग ने अपने इस भाषण में देश की अर्थव्यवस्था की भी बात की। उन्होंने कहा कि देश में महामारी के दौरान सीमा पर लगे लॉकडाउन से काफी उथल-पुथल हो गया। अगले साल को लेकर ये लक्ष्य तय किया गया है कि लोगों की हर एक आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जाए लोगों को और लोगों को पूरी तरह से फूड गारंटी मिल सके। इसी के साथ ही किम जोंग ने देश में बदलावों और विकास का भी जिक्र किया।
किम जोंग उन ने अपने भाषण में घरेलू विषयों, गांवों के विकास, लोगों को खद्दान उपलब्ध कराने और स्कूल यूनिफॉर्म और समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने की बात कही। इसके साथ ही किम जोंग उन ने कहा कि गुजरे सालों में देश की सेना ने कई नई बुलंदियों को छुआ है।