हमास नेता इस्माइल हनिया की हत्या कर दी गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि हनिया की हत्या गाजा, फिलिस्तीन या कतर में नहीं, बल्कि ईरान की राजधानी तेहरान में हुई। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने एक बयान जारी कर जानकारी दी है कि तेहरान में हनिया के ठिकाने को निशाना बनाकर यह हमला किया गया। इसमें हमास प्रमुख के साथ-साथ उनके एक अंगरक्षक की भी मौत हो गई। बयान में कहा गया है, ‘फिलिस्तीनी राष्ट्र और इस्लामी राष्ट्र तथा प्रतिरोध मोर्चे के लड़ाकों और महान राष्ट्र ईरान के प्रति संवेदना के साथ, आज सुबह [बुधवार] तेहरान में इस्लामी प्रतिरोध हमास के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख इस्माइल हनिया के आवास पर हमला किया गया और इस घटना के बाद वह और उनका एक अंगरक्षक शहीद हो गए।’
हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगाया आरोप
हिजबुल्लाह से जुड़ी न्यूज़ साइट अल मायादीन ने दावा किया कि इजरायल ने उन्हें मार डाला। इजरायली अधिकारियों ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। 7 अक्टूबर के हमले के बाद इजरायल ने हनीया और अन्य हमास नेताओं को मारने की कसम खाई थी, जिसमें 1,200 इजरायली नागरिक मारे गए और 250 बंधक बनाए गए।
Imam Khamenei met with Mr. Ismail Haniyah, head of the political bureau of the Palestinian Islamic Resistance Movement Hamas, and Mr. Ziyad al-Nakhalah, the Secretary General of the Palestinian Islamic Jihad Movement. pic.twitter.com/H8LzJXyFgV
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) July 30, 2024
वहीं, ईरानी सरकारी टेलीविजन ने बुधवार सुबह इस्माइल हनिया की हत्या की खबर दी, ईरान समर्थित विश्लेषकों ने तुरंत इस हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराया। इजरायल पर वर्षों से ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों और उसके परमाणु कार्यक्रम से जुड़े अन्य लोगों को निशाना बनाकर हत्या अभियान चलाने का संदेह है।
दोहा में रहता था हमास चीफ हानिया
इस्माइल हनिया हमास आतंकी संगठन का राजनीतिक नेता है। वर्तमान में हमास की कमान इस्माइल हनिया के हाथों में थी, जो इसके अध्यक्ष थे। उन्होंने 2017 से खालिद मेशाल के उत्तराधिकारी के रूप में यह कार्यभार संभाला था। वे कतर की राजधानी दोहा में रहते थे और वहीं से हमास का काम देखते थे। दरअसल, मिस्र ने गाजा में उनके आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
7 अक्टूबर को क्या हुआ था?
आपको बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 तक इजरायल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है। इसके बाद हमास ने इजरायल पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप 1200 लोगों की मौत हो गई। साथ ही हमास ने 250 नागरिकों का अपहरण कर लिया। ऐसी अफवाहें हैं कि हमास के कब्जे में अभी भी 150 बंधक हैं। हमास का दावा है कि इजरायली हमलों के परिणामस्वरूप अब तक लगभग 39,000 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान जा चुकी है। इस ऑपरेशन में इजरायल ने हमास और उसके सहयोगियों के 14,000 से अधिक लड़ाकों को मारने का दावा किया है।
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