किसान आंदोलन का मुद्दा अब देश से बाहर विदेशों में भी छाने लगा है। पॉप स्टार रिहाना के किसान आंदोलन के समर्थन में किए ट्वीट के बाद से ही इसको लेकर बवाल मचा है। रिहाना के अलावा भी कई इंटरनेशनल सेलब्रिटीज ने भी सोशल मीडिया के जरिए किसानों को अपना समर्थन दिया।
इंटरनेशनल सेलब्रिटी भी कूदे विवाद में…
लेकिन इसके बाद से ही सोशल मीडिया दो गुटों में बंट गया। एक तरफ तो वो लोग है, जो किसानों के पक्ष में आवाज उठाने वाले इंटनेशनल सेलब्रिटीज की तारीफ कर रहे हैं और दूसरी ओर वो लोग है जो भारत के मामले में बाहरी लोगों के हस्तक्षेप करने पर भड़क रहे हैं। इस वक्त सोशल मीडिया पर ये मुद्दा सबसे ज्यादा सुर्खियों में बना हुआ है। कई बॉलीवुड सितारे भी इस मामले में उतर गए हैं और भारत के खिलाफ चल रहे प्रपोगैंडा को लेकर एकजुट होने की अपील लोगों से की।
…तो ये सब है प्लान का हिस्सा?
स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी उन लोगों में शामिल है, जिन्होनें किसान आंदोलन का समर्थन किया। लेकिन उनकी एक ट्वीट, जिसे वो डिलीट कर चुकी हैं उसको लेकर खासा बवाल हो रहा है। दरअसल, इस ट्वीट में ग्रेटा किसान आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया कैंपेन का एक शेड्यूल शेयर किया गया था। जिसे उन्होनें बाद में डिलीट कर दिया।
ग्रेटा ने जो शेड्यूल शेयर किया था, उसमें किसान आंदोलन को लेकर भारत के खिलाफ विदेशी प्रोपेगेंडा की पोल खुली। ग्रेटा द्वारा शेयर डॉक्यूमेंट में भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कार्ययोजना शेयर की थी। भले ही उन्होनें इस ट्वीट को डिलीट कर दिया हो, लेकिन कई लोग पहले ही डॉक्यूमेंट का स्क्रीनशॉट ले चुके हैं, जो सोशल मीडिया पर अब जमकर वायरल हो रहा है। इसके बाद से ही ग्रेटा सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गईं और उन्हें जमकर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रेटा द्वारा शेयर टूलकिट में क्या क्या था?
ग्रेटा ने अपनी ट्वीट में भारत की सत्ता पर काबिज पार्टी बीजेपी को फासीवादी बताया। साथ ही इस डॉक्यूमेंट में 5 बातें मुख्य तौर पर लिखीं थी, जिसमें ऑन ग्राउंड प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने की बात कही गई। इसके अलावा किसान आंदोलन के समर्थन में एकजुटता दिखाने के लिए फोटोज ई-मेल करने को कहा गया। डॉक्यूमेंट में लिखा था कि इन तस्वीरों को 25 जनवरी तक भेजें।
वहीं 26 जनवरी या उससे पहले डिजिटल स्ट्राइक #AskIndiaWhy के साथ ट्विटर पर पोस्ट करने को कहा। वहीं 4-5 फरवरी को ट्विटर पर तूफान लाने का प्लान था। यानी कि किसान आंदोलन से जुड़ी चीजों, फोटोज और हैशटैग को ट्रेंड करने की प्लानिंग। जिसके लिए फोटोज, वीडियो को 5 फरवरी तक भेजने को कहा गया। इसके अलावा 6 फरवरी को आखिरी दिन इस डॉक्यूमेंट में बताया गया। इसके अलावा इसमें कहा गया कि स्थानीय प्रतिनिधि से संपर्क करें, जिससे भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनेगा।
ग्रेटा द्वारा शेयर किए गए इस डॉक्यूमेंट में ये भी कहा गया कि ऑनलाइन याचिका दायर कर अडानी-अंबानी जैसे एकाधिकारवादियों पर कार्रवाई करने का दबाव बनाया जाए। इसके अलावा 13-14 फरवरी को भारतीय दूतावास, मीडिया संस्थान और स्थानीय सरकारी दफ्तरों के पास आंदोलन करें, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करें।
ग्रेटा ने शेयर की नई टूलकिट
हालांकि हंगामा होने के बाद पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने वालीं ग्रेटा थनबर्ग ने एक नई ट्वीट की, जिसमें उन्होनें अपडेटेड प्लान जारी किया है। इस नई टूलकिट में 26 जनवरी को विदेशों और भारत में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का प्लान को हटा दिया गया।
अपनी इस ट्वीट को लेकर ग्रेटा सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही हैं। अधिकतर लोग यही कहते हुए नजर आ रहे हैं कि रिहाना, मिया खलीफा और ग्रेटा जैसे लोग जो कृषि और किसानों के आंदोलन के बारे में जानते नहीं होंगे, वो भारत के आंतरिक मामलों में दखल क्यों दे रहे हैं? ग्रेटा की ट्वीट के बाद सवाल ये उठ रहा है कि इंटनेशनल सितारों का भारत के मामले में दखल देना क्या एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है? क्या भारत को बदनाम करने के लिए विदेशी प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है? सोशल मीडिया पर इस वक्त ये सब बहस का मुद्दा बना हुआ है।