Elon Musk’s DOGE funding News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिकी यात्रा के कुछ ही दिनों बाद एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। अमेरिकी सरकार के कार्यदक्षता विभाग (DOGE) ने सरकारी खर्चों में भारी कटौती की घोषणा की है, जिसमें भारत के चुनावों में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए दिए जाने वाले 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग भी शामिल है। इसके अलावा, बांग्लादेश और नेपाल सहित कई अन्य देशों की फंडिंग भी रोक दी गई है।
ट्रंप के फैसले से कटी चुनावी फंडिंग- Elon Musk’s DOGE funding News
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में मशहूर उद्योगपति और टेस्ला-एक्स के मालिक एलन मस्क को DOGE विभाग का प्रमुख नियुक्त किया था। इस विभाग का मुख्य उद्देश्य सरकारी खर्चों में कमी करना और फिजूलखर्ची को रोकना है। शनिवार को इस विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर विभिन्न परियोजनाओं की फंडिंग में कटौती की जानकारी दी। इसमें भारत में चुनावों से जुड़ी फंडिंग का जिक्र भी किया गया, जिससे बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
बीजेपी ने जताई चिंता, ‘बाहरी हस्तक्षेप’ बताया
अमेरिकी सरकार द्वारा भारत की चुनावी प्रक्रिया में दी जाने वाली फंडिंग पर रोक लगाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे भारत के चुनावों में ‘बाहरी हस्तक्षेप’ करार दिया। उन्होंने सवाल किया कि इस राशि का असल लाभार्थी कौन था और क्या यह भारतीय लोकतंत्र के लिए उचित था?
मालवीय ने ‘एक्स’ पर लिखा, “चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे किसे लाभ होगा? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी को नहीं!” उन्होंने इस फंडिंग को संप्रग (यूपीए) सरकार की कथित नीति से जोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाली ताकतों को संस्थानों में घुसपैठ करने में मदद मिली थी।
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा और मस्क से मुलाकात
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर गए थे। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क से भी मुलाकात की थी। मस्क ने अपने परिवार के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की और दोनों ने अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों पर चर्चा की। इस यात्रा के तुरंत बाद DOGE द्वारा भारत समेत कई देशों के लिए फंडिंग में कटौती किए जाने से विभिन्न राजनीतिक अटकलों को बल मिला है।
बांग्लादेश और नेपाल की फंडिंग भी बंद
DOGE विभाग ने न केवल भारत बल्कि बांग्लादेश और नेपाल की कई परियोजनाओं की फंडिंग को भी बंद करने का ऐलान किया है। अमेरिकी पोस्ट के अनुसार, बांग्लादेश में ‘राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने’ के लिए दी जाने वाली 2.9 करोड़ डॉलर की फंडिंग को रद्द कर दिया गया है। वहीं, नेपाल में ‘राजकोषीय संघवाद’ के लिए 2 करोड़ डॉलर और ‘जैव विविधता संरक्षण’ के लिए 1.9 करोड़ डॉलर की फंडिंग भी रोक दी गई है।
अन्य देशों की फंडिंग पर भी चला ‘हथौड़ा’
DOGE विभाग ने सिर्फ भारत, बांग्लादेश और नेपाल ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों की परियोजनाओं की फंडिंग पर भी कैंची चला दी है।
- मोज़ाम्बिक: ‘स्वैच्छिक चिकित्सा पुरुष खतना’ के लिए 1 करोड़ डॉलर की फंडिंग रोक दी गई।
- कंबोडिया: ‘स्वतंत्र आवाज को मजबूत करने’ के लिए 23 लाख डॉलर की फंडिंग भी कट गई।
- सर्बिया: ‘सार्वजनिक खरीद में सुधार’ के लिए 1.4 करोड़ डॉलर की फंडिंग को भी रोक दिया गया।
- एशिया: ‘सीखने के परिणामों में सुधार’ के लिए 4.7 करोड़ डॉलर की फंडिंग को भी समाप्त कर दिया गया।
USAID की वेबसाइट हुई बंद, बड़ा बदलाव संभव
इस पूरे घटनाक्रम से पहले ही अमेरिकी एजेंसी USAID ने अपने सभी मानवीय कार्यों को रोकने की घोषणा कर दी थी। 7 फरवरी को एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, USAID अधिकारियों ने बताया कि दुनियाभर में इसके सभी मानवीय कार्य रोक दिए गए हैं। मस्क की इस घोषणा के बाद एजेंसी की वेबसाइट को भी बंद कर दिया गया था। वहीं, ट्रंप की ओर से नामित एक न्यायाधीश ने एक अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश जारी कर दिया, जिससे राष्ट्रपति और विभाग को 2,200 कर्मचारियों को प्रशासनिक अवकाश पर भेजने से रोक दिया गया।
अमेरिकी सरकार द्वारा भारत में चुनावी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए दी जाने वाली 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग पर रोक लगाना एक बड़ा कदम है, जो प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा के बाद आया है। बीजेपी ने इसे बाहरी हस्तक्षेप के रूप में देखा है, जबकि इस कटौती का असल प्रभाव आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। इसके अलावा, बांग्लादेश, नेपाल और अन्य देशों की फंडिंग पर भी रोक लगाने से यह सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका अपने सरकारी खर्चों में बड़े बदलाव करने की दिशा में बढ़ रहा है?