मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। ये कहावत हर अंबेडकरवादी के लिए एक अहम भूमिका निभाती है। निभाए भी क्यों ना। अंबेडकर ने हर बेडियों को तोड़कर विश्वभर में दलितों को एक अलग पहचान दिलाई। अब एक बार फिर दलितों का गौरव बढ़ाने के लिए ब्रिटेन में दलित महिला ने इतिहास रच एक नई मिसाल कायम की।
गर्व का क्षण
यूके की पहली दलित महिला मेयर मोहिंदर कौर मिढा चुनी गई। ब्रिटेन से मिली ये खबर हर अंबेडकरवादी को गर्व महसूस करवा रही है। ब्रिटिश हुकुमत में अंबेडकरवादी महिला ने मेयर बन हजारों दलितों के ख्वाबों को रोशनी की एक नई किरण दी।
यूनाइटेड किंगडम के ईलिंग शहर में ईलिंग काउंसिल के चुनाव में मोहिंदर कौर मिढा को सबसे ज़्यादा वोट मिले। उन्हें वहां के लोगों ने अपना ढेर सारा प्यार देकर सबसे बड़ी जीत दिलाई और साल 2022-23 के लिए शहर के सबसे बड़े और important पद के लिए चुनी गई। जाहिर है कि मोहिंदर कौर ब्रिटेन के किसी शहर में, मेयर की कुर्सी पर बैठने वाली पहली दलित महिला बनी हैं। इस ख़बर ने आते ही ना सिर्फ़ ब्रिटेन के बल्कि दुनिया भर में बसे सभी आंबेडकरवादियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है।
दलित कर रहे गर्व
मोहिंदर मिढ़ा की इस कामयाबी पर तमाम लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। जहां एक ओर भारत में जिन लोगों को जाति के नाम पर सताया और कोसा जाता है, वहीं दूसरी ओर उन्हीं जाति के लोग विदेशों में अपनी क़ाबिलियत के दम पर झंडे गाड़ रहे हैं। इस खबर के आने के बाद हमें मोहिंदर मिढा जैसी महिलाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए। जिस लंदन में रहकर बाबा साहब, डॉ आंबेडकर ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी, उसी लंदन के पश्चिमी हिस्से में अब एक दलित महिला शहर की कमान संभालेगी। ये अपने आप में बेहद ही बड़ी और खास बात है।
मेयर पद की खासियत
आपको ये जानकर खुशी होगी कि ब्रिटेन में किसी शहर के स्थानीय प्रशासन को चलाने के लिए मेयर का पद सबसे बड़ा होता है। वहां पर किसी शहर के विकास से लेकर, स्थानीय समस्याओं को हल करने तक का हर बड़ा फैसला काउंसिल के साथ मिलकर मेयर ही करते हैं। ऐसे में मेयर का पद अपने आप में ही बेहद अहम हो जाता है। अब साल 2022 और 2023 के लिए मोहिंदर मिढा ईलिंग काउंसिल के सबसे बड़े पद पर बैठकर बड़े फ़ैसले लेंगी। बाबा साहेब की राहों पर चलने वाली औऱ आंबेडकरवादी विचारधारा में यक़ीन रखने वाली मोहिंदर कौर मिढा ने अपनी काबिलियत से ये साबित कर दिया है कि अगर अवसर मिले तो कोई भी उड़ान भर अपने पंख फैला सकता है। खैर, इस खबर पर आपकी क्या राय है और दलित महिला मोहिंदर मिढ़ा के सबसे बड़े पद की कमान संभालने को लेकर आपको कैसा लगा, हमें कमेंट कर जरूर बताए।
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