अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है। तालिबानी आतंकी की क्रूरता वहां की जनता भुगत रही है। दुनिया के तमाम बड़े देश हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। कई देशों ने तो अफगानिस्तान में तालिबान को समर्थन दे दिया है। लोग अफगानिस्तान को छोड़ कर भागने की कोशिशों में लगे हैं। कई देश वहां के लोगों को शरण भी दे रहे हैं। तालिबान के डर से भागे अफगानों को इन 6 देशों ने दी पनाह, देखें पूरी लिस्ट
भारत ने भी अफगानिस्तान के शरणार्थियों के लिए ई-वीजा का ऑप्शन रखा है। काफी लोगों को एयरलिफ्ट कर वहां से निकाला जा रहा है। भारत के साथ-साथ अफगानों की मदद के लिए कई देशों ने हाथ बढ़ाया है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि दुनिया के कौन-कौन से देश अफगानी शरणार्थियों को शरण दे रहे हैं…
कनाडा
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का पड़ोसी देश कनाडा अफगानिस्तान के हालातों पर नजर बनाए हुए है। पिछले हफ्ते कनाडा की ओर से कहा गया था कि वहां की सरकार 20 हजार अफगान शरणार्थियों को शरण देगी। हालांकि वहां की सरकार ने स्पष्ट किया है कि अफगान नागरिकों को शरण देने की संख्या पर खुले मन से विचार हो रहा है। उन्होंने कहा है कि हमें सभी संभावनाओं के लिए दरवाजे खुले रखने चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका
अब तक अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को निकालने के साथ-साथ अमेरिका ने 1200 अफगानी नागरिकों को एयरलेफ्ट किया है। खबरों की मानें तो अमेरिका 10 हजार अफगान नागरिकों को शरण दे सकता है। जिनमें पिछले 20 सालों में अफगानिस्तान में अमेरिका की सहायता करने वाले लोग भी शामिल है।
पाकिस्तान
तालिबान का समर्थक देश पाकिस्तान भी अफगानियों को शरण दे रहा है। एक ओर पाकिस्तान की सरकार तालिबान को समर्थन दे रही है तो दूसरी ओर अफगानिस्तान से अपनी सीमाएं भी खोल रखी है। ऐसे में अफगानिस्तान के लोग पाकिस्तान में भी शरण ले रहे हैं। खबरों की मानें तो दशकों से जारी पलायन के बाद 26 लाख अफगान शरणार्थियों में से लगभग 90 फीसदी लोग ईरान और पाकिस्तान में ही बसे है।
ईरान
अफगानिस्तान की सीमा से लगे देश ईरान में भी अफगान शरणार्थियों को शरण देने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि ईरान में शरणार्थियों के लिए अस्थाई कैंप तैयार किए जा रहे हैं। ईरान का कहना है कि कोई भी अफगान जो ईरान पहुंचा है उसे एक बार हालात बेहतर होने पर वापस भेजा जाएगा।
भारत
अफगानिस्तान में बिगड़े हालात को देखते हुए भारत सरकार ने पिछले दिनों ई-वीजा की नई कैटेगरी जारी की थी। जिसके तहत कोई भी शरणार्थी भारत में शरण ले सकता है। मोदी सरकार ने वहां के अल्पसंख्यक समुदाय को नागरिकता देने का ऐलान किया है। हालांकि ई-वीजा 6 महीने के लिए वैध है। अभी आगे क्या होगा, सरकार इस वीजा की अवधि को बढ़ाएगी या नहीं इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
ब्रिटेन
अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण के बाद ब्रिटेन ने वहां के लोगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए है। नए पुनर्वास कार्यक्रम के पहले साल में ब्रिटेन 5 हजार अफगानों का स्वागत करने की तैयारी में लगा है। इस प्रोगाम के तहत महिलाओं, लड़कियों, धार्मिक और अन्य अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता दी जाएगी।