कोरोना महामारी के आने के बाद दुनिया को चीन को देखने का नजरिया बदल गया। दुनिया में इस वायरस को फैलाने का जिम्मेदार कई लोग चीन को ही मानते है। कोरोना वायरस को लेकर चीन सवालों के घेरे में हैं। चीन पर महामारी से जुड़ी जानकारी छिपाने, इसे पूरी दुनिया में फैलाने समेत कई आरोप लग चुके है। जिस चीन के वुहान शहर से ये वायरस फैला, वहां तो आम जनजीवन पटरी पर लौट चुका है। लेकिन दुनिया के कई देशों में वायरस अभी भी कहर मचा रहा है। कोरोना को लेकर सवालों में घिरा चीन अब भी अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा।
चीनी डॉक्टर का चौंका देने वाला खुलासा
सभी देश इस वक्त इन कोशिशों में जुटे हैं कि वो अपने देश के लोगों को कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध करा दें, जिससे हालात सामान्य हो जाए। ब्रिटेन, अमेरिका समेत कई देशों में वैक्सीन लगना भी शुरू हो गई। चीन ने भी कोरोना वैक्सीन बनाने पर काफी तेजी से काम किया। वैक्सीन बनने के बाद चीन अब इसका डंका पूरी दुनिया में पीट रहा है। लेकिन चीन की वैक्सीन की पोल अब खुद वहां के डॉक्टर ने खोल कर रख दी है।
चीन के ही एक डॉक्टर ने अपने देश की वैक्सीन को ‘मौत का इंजेक्शन’ बताया है। शंघाई के डॉक्टर ताओ लिना ने ये दावा किया कि चीन की वैक्सीन दुनिया की सबसे असुरक्षित वैक्सीन है। इसमें 73 साइड इफेक्ट है। उन्होनें इस वैक्सीन को नहीं लगवाने की अपील करते हुए कहा कि इस वैक्सीन को लगवाने के बाद इंजेक्शन एरिया में दर्द, सिर दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, दिखाई नहीं देना, स्वाद खत्म होना और पेशाब में समस्या समेत कई साइड इफेक्ट है।
बयान से क्यों पलट गए चीनी डॉक्टर?
लेकिन इसके बाद चीनी डॉक्टर अपने बयान से पलटी मार गए। फिर उन्होनें इस वैक्सीन को दुनिया की सबसे सुरक्षित बता दिया। ताओ लिना ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उनके मुताबिक वैक्सीन को लेकर कुछ चिंताएं हैं, लेकिन वो गंभीर नहीं। उन्होनें अपने लापरवाही से दिए बयान के लिए माफी भी मांगी। लेकिन अपने बयान से चीनी डॉक्टर के पलटने की क्या वजह है ये किसी को नहीं पता। कई लोग ये कहते नजर आ रहे हैं कि चीनी डॉक्टर ने किसी दबाव में आकर या फिर जान को खतरा होने की वजह से अपना बयान बदला।
चीनी वैक्सीन को मिल चुका है अप्रूवल
आपको जानकारी के लिए ये बता दें कि चीनी वैक्सीन को साइनोफॉर्म नाम की एक कंपनी ने तैयार किया। एक जनवरी को ही इसे अप्रूव किया गया है। चीन की ओर से ये दावा किया गया है कि ये वैक्सीन 79.34 प्रतिशत कारगर है। चीन अपने करोड़ों लोगों को ये वैक्सीन फरवरी मध्य से देने जा रहा है। अभी वहां ये वैक्सीन स्वास्थ्यकर्मियों और काम करने वालों लोगों को दी जाएगी। सिर्फ यही नहीं इस वैक्सीन का निर्यात चीन, पाकिस्तान समेत कई देशों को करने की तैयारी में हैं।