डेढ़ साल से भी ज्यादा वक्त से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध बरकरार है। ये मसला अभी तक हल होता हुआ नहीं दिख रहा। अब खबर आई है कि चीन पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो के पास नया पुल बना रहा है, जिसको लेकर दो देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ रहा है। हाल ही में ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस एनालिस्ट डेमियन साइमन ने उस क्षेत्र के सैटेलाइट इमेज शेयर की, जिसमें पैंगोंग त्सो लेक के दो किनारों को जोड़ने वाली एक पुल जैसी संरचना दिखी।
रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक पुल के लिए 400 मीटर का काम हो चुका है। जिस स्पीड से काम किया जा रहा है, उसको देखकर लगता है कि आने वाले कुछ महीने में इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। खराब मौसम और भारी बर्फबारी के बाद भी चीन पुल बनाने में लगा हुआ है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक पुल बनने से चीन को इस क्षेत्र में सामरिक बढ़त हासिल हो जाएगी।
रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि चीन ये पुल झील के उत्तरी इलाके में रुतोग तक पहुंचने के लिए बना रहा है। पुल बनने से रुतोग तक पहुंचने के लिए चीन को 200 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इससे करीब 150 किलोमीटर कम हो जाएगा। इस पर स्वीडन के उप्साला यूनिवर्सिटी में पीस एंड कंफ्लिक्ट रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रोफेसर अशोक स्वैन कहते हैं कि इससे साफ संकेत मिलते हैं चीन का उन क्षेत्रों से पीछे हटने के इरादा नहीं है।
बता दें कि चीन जहां पर ये पुल बना रहा है, वहां उसने 1960 के करीब से ही अवैध कब्जा किया हुआ है। हाल ही में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जैसा कि आपको अच्छे से पता है कि भारत ने इस अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर अप्रैल-मई 2020 से ही तनाव बना हुआ है। दोनों देशों की सेना तब से कई बार आमने सामने आ गई। वहीं विवाद को सुलझाने के लिए 14 दौर की बातचीत तक हो गई, लेकिन फिलहाल ये सुलझाता नहीं दिख रहा।