भारत और कनाडा के रिश्तों में कड़वाहट नए स्तर पर पहुंच गई है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हाल ही में भारत सरकार (Government of India) ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित (Canadian diplomats expelled) कर दिया है। इससे पहले भारतीय उच्चायुक्त (Indian High Commissioner) और कुछ अन्य अधिकारियों को कनाडा से वापस बुलाया गया था। राजनयिकों की ‘सुरक्षा सुनिश्चित करने’ के लिए यह फैसला लिया गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Canada Prime Minister Justin Trudeau) ने भारत के इस कदम को एक गलती बताया है। इतना ही नहीं ट्रूडो ने अब दूसरे देशों को भारत के खिलाफ लामबंद करने की मुहिम शुरू कर दी है। इस सिलसिले में उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से बात की है।
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कनाडा- भारत में बिगड़े रिश्ते- Canada-India relations deteriorated
भारत-कनाडा संबंध एक बार फिर खराब हो गए हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने राजनयिकों और उच्चायुक्तों को वापस बुलाए जाने के बीच भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ट्रूडो के अनुसार, सुरक्षा अधिकारियों ने भारतीय पक्ष के साथ सहयोग करने के कई प्रयास किए, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि भारत ने यह मानकर “गलती” की है कि कनाडाई लोगों के खिलाफ अवैध गतिविधि हो सकती है।
ट्रूडो और ब्रिटिश प्रधानमंत्री के बीच बातचीत
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (British Prime Minister Keir Starmer) ने भारत सरकार से जुड़े एजेंटों द्वारा कनाडा के नागरिकों के खिलाफ लक्षित अभियान से संबंधित हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बातचीत की और मजबूत संबंधों पर सहमति जताई।
ट्रूडो ने भारत के खिलाफ उगला जहर
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के अनुसार, “मैं समझता हूँ कि आप में से कई लोग नाराज़, परेशान और डरे हुए हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। हालाँकि कनाडा और भारत के बीच व्यापार, वाणिज्यिक और लोगों के बीच संपर्क का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन इस समय हम जो देख रहे हैं वह असहनीय है। कनाडा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरी तरह से सम्मान करता है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार भी इसका सम्मान करेगी। प्रधानमंत्री के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं उन सभी को सांत्वना दूँ जो मानते हैं कि सुरक्षा को ख़तरा है। हालाँकि, बाकी सब से ऊपर, मेरा दायित्व कार्रवाई करना है।”
कनाडा से बिगड़ते रिश्तों पर विपक्ष का बयान
इस बीच विपक्ष ने कनाडा के साथ बिगड़ते रिश्तों पर बयान दिया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-कनाडा के बिगड़ते रिश्तों के बेहद संवेदनशील और नाजुक मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता और अन्य दलों के नेताओं को विश्वास में लेंगे।
भारत ने वापस बुलाए उच्चायुक्त
इससे पहले भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य लक्षित राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की थी। भारत ने यह कार्रवाई सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर (Sikh separatist Hardeep Singh Nijjar) की हत्या की जांच से भारतीय राजनयिकों को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए की है।
भारत ने लिया था यह फैसला
बता दें, भारत सरकार ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। उन्हें शनिवार, 19 अक्टूबर, 2024 को रात 11:59 बजे तक भारत छोड़ना है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये राजनयिक प्रथम सचिव लैन रॉस, उप उच्चायुक्त मैरी कैथरीन जोली, कार्यवाहक उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट और स्टीवर्ट रॉस व्हीलर हैं। प्रथम सचिव पाउला ओरजुएला, प्रथम सचिव एडम जेम्स चूइपका और प्रथम सचिव डेविड ट्राइट्स।
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