The Guardian vs Elon Musk: डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत के बाद एलन मस्क मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। ट्रंप की जीत के बाद X पर एकतरफा होने के आरोप लग रहे हैं। एक तरफ ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने X (The Guardian leave X) को ‘टॉक्सिक’ बताते हुए इसका इस्तेमाल बंद करने का फैसला किया है, वहीं दूसरी तरफ लग्जरी ब्रांड लुई वुइटन के प्रमुख बर्नार्ड अर्नाल्ट मस्क की कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा फ्रांसीसी अखबार समूह ने ‘एक्स’ पर उनके कंटेंट का इस्तेमाल करने लेकिन बदले में उन्हें भुगतान न करने का भी आरोप लगाया है।
द गार्जियन के एक्स पर 27 मिलियन से ज्यादा फॉलोवर्स- The Guardian vs Elon Musk
द गार्जियन के एक्स पर 20 मिलियन से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। अब इसके एक्स हैंडल को आर्काइव कर दिया गया है। ब्रिटिश अखबार गार्जियन ने एक्स पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए इसका इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही गार्जियन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से भी किनारा कर लिया है। गार्जियन ने एलन मस्क पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया है।
Why the Guardian is no longer posting on X https://t.co/j4fRgzSYde
— The Guardian (@guardian) November 13, 2024
गार्जियन (British newspaper The Guardian) ने कहा कि एक्स अब एक टॉक्सिक प्लेटफ़ॉर्म बन गया है। यहाँ बहुत ज़्यादा ज़हरीला कंटेंट है। ऐसे में बेहतर है कि हम अपने कंटेंट को बढ़ावा देने का कोई बेहतर तरीक़ा खोजें। एलन मस्क ने इस प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक विचारधारा को धार देने के लिए किया है।
ट्रंप के चुनावी अभियान में मस्क की अहम भूमिका
ट्रम्प के अभियान में मस्क के महत्वपूर्ण योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब वे ट्रम्प के विशेष दल में भी शामिल होंगे। 13 नवंबर के एक लेख में, द गार्जियन ने कहा कि एक्स को ज़्यादा नुकसान हुआ और कम लाभ। हमें अपनी ख़बरों को कहीं और विज्ञापित करना चाहिए। ब्रिटिश टैब्लॉइड के अनुसार, मस्क ने एक्स के साथ एक राजनीतिक एजेंडा तय किया। ट्रॉपिकल बर्डिंग, एक्स पर गार्जियन के सबसे हालिया लेख का विषय था। ब्रिटिश अख़बार ने अमेरिकी चुनावों के दौरान कई लेखों में ट्रम्प अभियान और भावी सरकार में मस्क की भूमिका पर सवाल उठाए।
फ्रांस में एक्स पर कानूनी कारवाई
फ्रांस में, एक्स को कानूनी मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। यहाँ, बड़े व्यवसायी मस्क से अदालत में लड़ने के लिए तैयार हो रहे हैं। यूरोपीय संघ का निर्देश, जिसके अनुसार डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को समाचार संगठनों को उनकी सामग्री के उपयोग के लिए मुआवज़ा देना आवश्यक है, इस कानूनी विवाद का आधार है। Google और मेटा जैसे फ्रांसीसी प्रकाशकों का दावा है कि एक्स मुआवज़ा देने के लिए तैयार नहीं है।
बता दें, 200 साल पुराना दिग्गज मीडिया संस्थान द गार्जियन (British newspaper The Guardian) काफी समय से एक्स से बाहर निकलने के बारे में सोच रहा था। आपको बता दें कि गार्जियन दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित और पुराने अखबारों में से एक है। इसकी स्थापना 1821 में हुई थी। उस समय इसका नाम मैनचेस्टर था लेकिन 1959 में इसका नाम बदलकर गार्जियन कर दिया गया।